सूतक काल से ग्रहण काल तक न करें ये काम, होगा नुकसान

ज्योतिष न्यूज़ : ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण काल को अशुभ घटना माना गया है जो कि ईश्वर पर संकट का समय होता है इस दौरान किसी भी तरह के शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है जो भारत में दिखाई देगा यही कारण है कि इस बार के ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा। शरद पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण आज यानी 28 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 5 मिनट से आरंभ हो जाएगा और समापन 2 बजकर 24 मिनट पर होगा।

ज्योतिष अनुसार ग्रहण लगने से पहले ही सूतक काल आरंभ हो जाता है ऐसे में कुछ कार्यों को सूतक काल से ग्रहण समापन तक भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना जिंदगी बर्बाद हो सकती है और इसके अशुभ परिणाम भी जीवनभर उठाने पड़ेगे। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि ग्रहण और सूतक काल के दौरान किन कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
भूलकर भी न करें ये काम—
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूतक काल से लेकर ग्रहण काल तक भूलकर भी क्रोध न करें। क्योंकि क्रोध करने से अगले 15 दिन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं इसके अलावा इस दौरान पूजा पाठ करना वर्जित माना गया है ऐसा करने से कष्ट का सामना करना पड़ता है ग्रहण काल में भोजन करने से भी परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा सूतक काल और ग्रहण के समय तक किसी सूनसान जगह या फिर श्मशान आदि पर नहीं जाना चाहिए क्योंकि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां अधिक हावी होती है जो आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है। सूतक काल में किसी भी तरह के नए कार्य की शुरूआत नहीं करनी चाहिए वरना कार्यों में असफलता मिलती है इसके अलावा इस दौरान संबंध बनाने से भी बचना चाहिए। इससे घर की सुख शांति खराब हो जाती है।