23 को है देवउठनी एकादशी, 147 दिन बाद बजेगी शहनाई किसी ज्योतिषी से जानें मार्च 2024 तक विवाह के लिए सभी शुभ समय

दिवाली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है। इसे देवउठनी, देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने तक सोने के बाद जागते हैं। देवउठनी के दिन माता तुलसी का विवाह भी आयोजित किया जाता है। इस दिन विवाह और शुभ कार्य भी शुरू होते हैं।

इस बार देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। चातुर्मास के अनुसार डी. चास. 147 दिन बाद देवता जागेंगे और शहनाई गूंजने लगेगी। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और उठनी एकादशी पर देव जागते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। लेकिन इस बार इस दौरान एक महीने का किराया भी था. अतः यह अवधि 147 दिन थी। इस अवधि में कोई भी अनुकूल घटना घटित नहीं होती। अत: उस समय शहनाई नहीं बजती थी। देवउठनी एकादशी भी एक अज्ञात सुखद समय का अनुभव कर रही है। इसलिए इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया नवंबर में 23,24,27,28 और 29, दिसंबर में 3,4,7,8, और 9, जनवरी में 18,21,22,29,30 और 31 ,फरवरी में 1,6,14,17 और 18 एवं मार्च में 2,3,4,5,6,7,8 और 9 मार्च को सहालग हैं।

तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी की डेट को लेकर है कन्फ्यूजन-

इसी दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप के साथ माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है। इस साल एकादशी तिथि दो दिन पड़ने से तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी की डेट को लेकर कन्फूयजन हो रहा है। इस बार एकादशी तिथि 22 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 3 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 23 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार को है।


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