सब रजिस्ट्रार पर कसा शिकंजा, फर्जी रजिस्ट्री का हुआ खुलासा

गोरखपुर: गोरखपुर में भू माफिया कमलेश यादव की फर्जी रजिस्ट्री पर अपनी मुहर लगाने के आरोप में चौरीचौरा के सब रजिस्ट्रार चंद्रशेखर शाही को शनिवार को एम्स पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने कमलेश पर दर्ज जालसाजी के चार केस में विवेचना के दौरान सब रजिस्ट्रार चंद्रशेखर शाही को मुल्जिम बनाया है। अन्य केस में भी नाम बढ़ाया जा सकता है।

एम्स थाना क्षेत्र के बहरामपुर निवासी भू माफिया कमलेश यादव ने काफी संख्या में लोगों से जमीन के नाम पर जालसाजी की है। वर्तमान में वह गोरखपुर जेल में बंद है और उस पर अब तक 37 मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। इनमें अकेले 29 मुकदमे एम्स थाने में ही दर्ज हैं। कमलेश और उसके गिरोह के साथियों ने जमीन के नाम पर अलग-अलग तरह से लोगों से जालसाजी की है। कुछ लोगों का उसने पैसा लिया तो जमीन नहीं दिया। वहीं कुछ लोगों को सीलिंग की जमीन बेच दी। यही नहीं कई ऐसे भी मामले सामने आए जिसमें जमीन किसी और की और रजिस्ट्री किसी और व्यक्ति को खड़ा करके उसने करा दिया था। कमलेश की जालसाजी से जुड़े तमाम केस में जब पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो संदेह का दायरा रजिस्ट्री आफिस तक पहुंचा और चंद्रशेखर शाही की संदिग्ध भूमिका सामने आई।
पुलिस ने अब तक कमलेश के पांच केस में चार्जशीट दाखिल की है। उन्हीं मामलों में यह पता चला कि सब रजिस्टार चंद्रशेखर ने कमलेश के फर्जीवाड़े से जुड़ी रजिस्ट्री की जांच में अपनी आंख मूंद ली थी। कमलेश से जुड़ी रजिस्ट्री में किसी भी दस्तावेज तक को ठीक से चेक नहीं किए जाते थे। यही वजह थी कि उसे फर्जीवाड़ा करने में आसानी होती थी।
देवरिया जिले के नौतन बरियारपुर के मूल निवासीसब रजिस्टार चंद्रशेखर शाही चौरीचौरा तहसील में काफी सालों से सब रजिस्टार के रूप में तैनात रहे। 2019 में उनकी खराब छवि की वजह से उन पर कार्रवाई हुई और दो साल तब नौकरी से बर्खास्त रहे। सितम्बर में उन्होंने दोबारा नौकरी की शुरुआत चौरीचौरा से की है। कमलेश यादव ने सभी फर्जी रजिस्ट्री इन्हीं के समय में 2016 से लेकर 2019 के बीच में कराई थी। फर्जीवाड़ा में नाम जुड़ने के बाद अब चंद्रशेखर शाही का नाम कमलेश यादव गिरोह के साथी के रूप में जुड़ गया है।