चाणक्य नीति अनुसार किस्मत के धनी होते हैं ये लोग

चाणक्य नीति: कर्म ही पूजा है, यह सिर्फ एक कहावत नहीं बल्कि सच है। मनुष्य अपने चरित्र से नहीं बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। मनुष्य के कर्म ही उसकी दशा और दिशा निर्धारित करते हैं। अच्छे और बुरे कर्मों का फल केवल वर्तमान में ही नहीं बल्कि अगले जन्म में भी मिलता है। आचार्य चाणक्य उन चीजों का जिक्र करते हैं जो सामान्य तपस्या से कभी हासिल नहीं हो सकतीं। जो मनुष्य इन्हें प्राप्त कर लेता है, वह तपस्या से गुजरता है। चाणक्य ने बताया है कि जिनके पास ये 4 चीजें होती हैं वे भाग्य के धनी कहलाते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये परम सुख…

अच्छा जीवनसाथी
जीवन में बुद्धिमान और गुणी जीवनसाथी का परम सुख हर किसी को नहीं मिलता। यह सुख व्यक्ति के पिछले जन्म में किए गए अच्छे कर्मों के आधार पर ही प्राप्त होता है। कहा जाता है कि जिनका जीवनसाथी गुणी होता है, वे भाग्यशाली होते हैं। चाणक्य कहते हैं कि जो लोग स्त्री का सम्मान करते हैं, हर सुख-दुख में उसका साथ देते हैं, उन्हें हर जन्म में पुण्य का फल मिलता है।
धन का उपयोग
पैसे के बिना जीवन कठिन है इसलिए हर किसी के पास पैसा होना चाहिए। किसी के पास कम है तो किसी के पास ज्यादा, लेकिन पैसे का सही इस्तेमाल करने का हुनर हर किसी के पास नहीं होता। धन के सही उपयोग का गुण उन्हीं को मिलता है जो इसकी कीमत समझते हैं, जिन्होंने कभी लक्ष्मी का अनादर नहीं किया। यदि आपके पास धन का सही प्रबंधन करने का ज्ञान नहीं है, तो आप जीवन भर लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
परोपकार की भावना
सच्चे मन से किया गया दान गरीब को भी अमीर बना देता है। चाणक्य ने कहा है कि जो लोग दान की भावना रखते हैं वे जीवन में हमेशा प्रगति करते हैं। इन्हें हर कदम पर किस्मत का साथ मिलता है।
पाचन क्षमता
चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों को अच्छे भोजन से पाचन की शक्ति मिलती है, वे बहुत भाग्यशाली माने जाते हैं। आप कितना भी अच्छा खाना खा लें, अगर वह पच नहीं पाएगा तो शरीर बर्बाद होने लगेगा, बीमारियां घेर लेंगी।
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