इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पर विचार के लिए तैयार : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया। हाई कोर्ट ने आज सुबह अपने फैसले में एएसआई को ‘वुजू खाना’ को छोड़कर मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी।

मस्जिद समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील निज़ाम पाशा ने मामले की अविलंब सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा, “उच्च न्यायालय ने इस मामले में आदेश सुनाया है। हमने उसके खिलाफ एक एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। हमने प्रोटोकॉल (उल्लेख के लिए एसओपी) के अनुसार ईमेल भेजा है।”

भारतीय मुख्‍य न्‍यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा, “मैं तुरंत ईमेल पर गौर करूंगा।”

अपील की प्रत्याशा में हिंदू वादियों ने भी गुरुवार को एक सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दी है। कैविएट एक वादी द्वारा अपीलीय अदालत में जमा किया गया एक नोटिस है जो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ किसी प्रतिद्वंद्वी की अपील के संबंध में कोई आदेश जारी होने की स्थिति में सुनवाई की इच्छा रखता है।

इससे पहले गुरुवार को पारित अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति द्वारा वाराणसी जिला न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सील क्षेत्र को छोड़कर मस्जिद परिसर के बैरिकेड क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश था।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मस्जिद समिति की उन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि सर्वेक्षण के परिणामस्वरूप संरचना को नुकसान हो सकता है।

इसमें कहा गया, “न्याय करने के लिए सर्वेक्षण आवश्यक है। सर्वेक्षण कुछ शर्तों के साथ किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण करें, लेकिन बिना ड्रेजिंग के।”

इससे पहले हाई कोर्ट ने एएसआई को मामले की सुनवाई पूरी होने तक सर्वे नहीं करने का निर्देश दिया था।

जुलाई के आखिरी सप्‍ताह में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मस्जिद कमेटी ने हाई कोर्ट को बताया था कि एएसआई सर्वे के दौरान ऐतिहासिक ढांचा गिर सकता है। दूसरी ओर, एएसआई का कहना था कि रडार मैपिंग से मस्जिद की संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को पारित एक अंतरिम राहत में आदेश दिया था कि एएसआई द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के व्यापक सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले वाराणसी कोर्ट के निर्देश को शाम 26 जुलाई शाम 5 बजे तक लागू नहीं किया जाएगा।

इसने मस्जिद समिति से वाराणसी जिला अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा।

जिला अदालत ने 21 जुलाई को एएसआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। वाराणसी अदालत के आदेश में एएसआई से 4 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी गई है जब मामले पर अगली सुनवाई होगी। हालाँकि, अदालत ने उस खंड को जांच से बाहर करने का आदेश दिया जो मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सीलबंद था।

सील किया गया क्षेत्र वह स्थान है जहां हिंदू इस बात पर जोर देते हैं कि एक शिवलिंग पाया गया है, जबकि मुसलमानों का दावा है कि यह एक फव्वारे का हिस्सा है।

जिला अदालत का आदेश पांच हिंदू वादियों में से चार द्वारा दायर आवेदनों पर आया, जिन्होंने अगस्त 2021 में मां श्रृंगार गौरी स्थल पर निर्बाध पूजा के अधिकार की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया था। मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपने जवाब में इस बात से इनकार किया कि मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।

इसने सर्वेक्षण का विरोध करते हुए कहा कि सबूत इकट्ठा करने के लिए इस तरह की कवायद का आदेश नहीं दिया जा सकता।

(आईएएनएस)


R.O. No.12702/2
DPR ADs

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
रुपाली गांगुली ने करवाया फोटोशूट सुरभि चंदना ने करवाया बोल्ड फोटोशूट मौनी रॉय ने बोल्डनेस का तड़का लगाया चांदनी भगवानानी ने किलर पोज दिए क्रॉप में दिखीं मदालसा शर्मा टॉपलेस होकर दिए बोल्ड पोज जहान्वी कपूर का हॉट लुक नरगिस फाखरी का रॉयल लुक निधि शाह का दिखा ग्लैमर लुक