एक ही परिवार के 8 लोग नहर में डूबे,रस्सी से 6 लोगों बचाया

कोटा। दीपक का अंतिम संस्कार करने गए एक ही परिवार के 8 लोग नहर में डूब गए। जब परिवार नहर में तैरने लगा तो उनमें से एक ने हाथ से उन्हें बचाने का इशारा किया. परिवार को डूबते देख एक कार चालक ने राहगीरों को बुलाया और परिवार के छह सदस्यों को बाहर निकाला। घटना कोटा शहर के बोरखेड़ा थाना इलाके में नाग-नागिन मंदिर के पास शनिवार सुबह 9 बजे हुई. कार चालक ने नहर में पैर डालकर एक युवक की जान भी बचाई। घटना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और नहर में बहे दोनों युवकों की तलाश कर रही है.

केशवपुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि उनके भतीजे विवेक (15) की दादी की मौत हो गई थी। शनिवार को तीया की रस्म के बाद परिवार के लोग अस्थियां विसर्जित करने के लिए नहर पर आए थे। मनोज के साथ उसका भाई राजेश, बहनोई शंभू, भाई रामभरोसे और रिश्तेदार मुकेश और तीन भतीजे प्रभात (17), कुणाल (20) और विवेक भी थे। इसी अनुष्ठान के दौरान शंभू के बेटे प्रभात का पैर नहर में फिसल गया और वह डूबने लगा. यह देख परिवार के बाकी लोग भी उन्हें बचाने के लिए नहर में कूद पड़े और डूबने लगे। इस घटना के दौरान कार सवार ऋषभ सेन इस नहर के पास से गुजर रहे थे. ऋषभ ने बताया कि नहर से डूब रहे एक युवक ने हाथ से इशारा किया। जब मैं गाड़ी से उतरकर नहर के पास गया तो देखा कि करीब 7 से 8 लोग डूब रहे थे. इनमें से दो लोग बह गए और बाकी लोग खुद को बचाने के लिए हाथ हिला रहे थे.
इस पर मौके पर मौजूद लोग जुट गए और रस्सी को नहर में फेंक दिया। इस बीच शंभू और राजेश को किसी तरह किनारे लाया गया। इसके बाद भी वे बहने लगे तो मैंने अपना पैर नहर में डाला और दोनों को बाहर निकाल लिया। ऋषभ ने राहगीरों के साथ मिलकर मनोज, शंभू, राजेश, रामभरोस, प्रभात और मुकेश को बचा लिया, लेकिन कुणाल और विवेक नहर में बह गए। इधर, लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद करीब 10 बजे एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. तीन घंटे से ज्यादा समय हो गया है और इन दोनों युवकों की तलाश की जा रही है. इधर, घटना की जानकारी मिलते ही पूरा परिवार मौके पर पहुंच गया.