सीआईसीएसई स्कूलों के प्रिंसिपलों के कांफ्रेस में वक्ताओं ने रखे विचार


झारखण्ड | जमशेदपुर में बिहार झारखंड के 152 स्कूलों के प्रिंसिपलों का जुटान हुआ. मौका था काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईसीएसई) से मान्यता प्राप्त बिहार-झारखंड के स्कूलों के 35वें प्रिंसिपल्स कॉन्फ्रेंस का. तक चलने वाले इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच एक मजबूत कड़ी स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इस कांफ्रेंस में टीडी जोशी को जहां सीआईसीएसई झारखंड-बिहार रीजन का प्रेसिडेंट घोषित किया गया तो वहीं जमशेदपुर केरला समाजा मॉडल स्कूल की प्रिंसिपल नंदिनी शुक्ला को वाइस प्रेसीडेंट घोषित किया गया.
गोलमुरी स्थित केरला समाजम मॉडल स्कूल में आयोजित प्रिंसिपल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि टिनप्लेट कंपनी के एमडी आरएन मूर्ति और विशिष्ट अतिथि केरला समाजम मॉडल स्कूल के चेयरमैन केपीजी नायर ने किया. उनके साथ कांफ्रेंस के आयोजन समिति की प्रमुख नंदिनी शुक्ला, जोनल को-ऑर्डिनेटर प्रीति सिन्हा, रीजनल सेक्रेट्री क्रिस्टोफर फ्रांसिस व कोषाध्यक्ष रजनी शेखर के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
शैक्षिक बदलावों पर हुआ मंथन
कांफ्रेंस में बदलते वक्त के साथ बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए जरूरी बदलावों पर चर्चा हुई. कहा गया कि आज पढ़ने व पढ़ाने के तरीकों में बदलाव लाना वक्त की जरूरत है और चूंकि आज संचार क्रांति का जमाना है, इसलिए इसमें तेजी से बदलाव आ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा से लेकर उसके साइडइफैक्ट तक को समझना होगा. मुख्य मुख्य अतिथि आरएन मूर्ति ने कहा कि शिक्षा सिर्फ सफलता अर्जित करने का माध्यम नहीं, बल्कि एक जागरूक नागरिक व एक भला सोचने वाला व्यक्तित्व तैयार करने का भी जरिया है. सिर्फ सफलता से खुशी नहीं मिलती है. उन्होंने शिक्षकों को हर जगह सीखते रहने व उसे बच्चों को सिखाते रहने की सलाह दी. कहा कि यह जरूरी नहीं कि हम सिर्फ पढ़कर सीखें. उन्होंने टाटा स्टील का उदाहरण देते हुए कहा कि कंपनी ने दूसरों से सीख कर खुद को समृद्ध किया. कहा कि टाटा स्टील ने कई बार पेंट की एक कंपनी से काफी कुछ सीख कर अपनी कंपनियों में उस आधार पर कई अहम बदलाव किए, जिससे कंपनी को लाभ हुआ. सीआईसीएसई की जोनल को-ऑर्डिनेटर प्रीति सिन्हा ने बिहार-झारखंड जोन के स्कूलों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. एकेडमिक के साथ ही
खेलकूद के क्षेत्र में हासिल की गयी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया.
देख-सुनकर ज्यादा सीखते हम श्रीनिवासन कांफ्रेंस के मोटिवेशनल स्पीकर सुरेश श्रीनिवासन ने भी प्राचार्यों को शैक्षिक बदलाव के लिए शिक्षकों में सीखने की प्रवृति को हमेशा जीवित रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम हर चीज से सीखते हैं और भविष्य में इसका उपयोग करते हैं. कहा कि हम इंसन सुन कर, देख कर व अनुभाव से बहुत कुछ सीखते हैं.
लेकिन अगर कोई सबसे अधिक किसी चीज से सीखता है तो वह है सुनकर. उन्होंने कहा कि जीवन में ज्यादा बोलने के बजाय ज्यादा सुनने का प्रयास करें. साथ ही किसी ना किसी को अपना गुरु अवश्य बनाएं.

झारखण्ड | जमशेदपुर में बिहार झारखंड के 152 स्कूलों के प्रिंसिपलों का जुटान हुआ. मौका था काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईसीएसई) से मान्यता प्राप्त बिहार-झारखंड के स्कूलों के 35वें प्रिंसिपल्स कॉन्फ्रेंस का. तक चलने वाले इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच एक मजबूत कड़ी स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इस कांफ्रेंस में टीडी जोशी को जहां सीआईसीएसई झारखंड-बिहार रीजन का प्रेसिडेंट घोषित किया गया तो वहीं जमशेदपुर केरला समाजा मॉडल स्कूल की प्रिंसिपल नंदिनी शुक्ला को वाइस प्रेसीडेंट घोषित किया गया.
गोलमुरी स्थित केरला समाजम मॉडल स्कूल में आयोजित प्रिंसिपल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि टिनप्लेट कंपनी के एमडी आरएन मूर्ति और विशिष्ट अतिथि केरला समाजम मॉडल स्कूल के चेयरमैन केपीजी नायर ने किया. उनके साथ कांफ्रेंस के आयोजन समिति की प्रमुख नंदिनी शुक्ला, जोनल को-ऑर्डिनेटर प्रीति सिन्हा, रीजनल सेक्रेट्री क्रिस्टोफर फ्रांसिस व कोषाध्यक्ष रजनी शेखर के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
शैक्षिक बदलावों पर हुआ मंथन
कांफ्रेंस में बदलते वक्त के साथ बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए जरूरी बदलावों पर चर्चा हुई. कहा गया कि आज पढ़ने व पढ़ाने के तरीकों में बदलाव लाना वक्त की जरूरत है और चूंकि आज संचार क्रांति का जमाना है, इसलिए इसमें तेजी से बदलाव आ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा से लेकर उसके साइडइफैक्ट तक को समझना होगा. मुख्य मुख्य अतिथि आरएन मूर्ति ने कहा कि शिक्षा सिर्फ सफलता अर्जित करने का माध्यम नहीं, बल्कि एक जागरूक नागरिक व एक भला सोचने वाला व्यक्तित्व तैयार करने का भी जरिया है. सिर्फ सफलता से खुशी नहीं मिलती है. उन्होंने शिक्षकों को हर जगह सीखते रहने व उसे बच्चों को सिखाते रहने की सलाह दी. कहा कि यह जरूरी नहीं कि हम सिर्फ पढ़कर सीखें. उन्होंने टाटा स्टील का उदाहरण देते हुए कहा कि कंपनी ने दूसरों से सीख कर खुद को समृद्ध किया. कहा कि टाटा स्टील ने कई बार पेंट की एक कंपनी से काफी कुछ सीख कर अपनी कंपनियों में उस आधार पर कई अहम बदलाव किए, जिससे कंपनी को लाभ हुआ. सीआईसीएसई की जोनल को-ऑर्डिनेटर प्रीति सिन्हा ने बिहार-झारखंड जोन के स्कूलों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. एकेडमिक के साथ ही
खेलकूद के क्षेत्र में हासिल की गयी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया.
देख-सुनकर ज्यादा सीखते हम श्रीनिवासन कांफ्रेंस के मोटिवेशनल स्पीकर सुरेश श्रीनिवासन ने भी प्राचार्यों को शैक्षिक बदलाव के लिए शिक्षकों में सीखने की प्रवृति को हमेशा जीवित रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम हर चीज से सीखते हैं और भविष्य में इसका उपयोग करते हैं. कहा कि हम इंसन सुन कर, देख कर व अनुभाव से बहुत कुछ सीखते हैं.
लेकिन अगर कोई सबसे अधिक किसी चीज से सीखता है तो वह है सुनकर. उन्होंने कहा कि जीवन में ज्यादा बोलने के बजाय ज्यादा सुनने का प्रयास करें. साथ ही किसी ना किसी को अपना गुरु अवश्य बनाएं.
