स्कूलों में बच्चे यौन उत्पीड़न से बचाव का पाठ पढ़ेंगे

नोएडा: जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अगले साल से बाल यौन उत्पीड़न का पाठ पढ़ाया जाएगा. छात्रों को उससे बचाव के तरीकों की भी जानकारी दी जाएगी. इसके लिए स्कूलों में पोक्सो कमेटी का गठन होगा. बढ़ते बाल अपराध को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से ये कवायद की जा रही है.
जिले के स्कूलों में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोक्सो) एक्ट के प्रति छात्रों को जागरूक किया जाएगा. इस संबंध में स्कूलों में समय- समय पर कार्यशालाएं भी कराई जाएंगी, जिसमें छात्रों को इसकी संपूर्ण जानकारी दी जाएगी. ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति से बचने के बार में भी बताया जाएगा. उन्हें बताया जाएगा कि पोक्सो अधिनियम के तहत किस प्रकार के मामले आते हैं और क्या सजा हो सकती है, ताकि छात्राओं के साथ छेड़छाड़ होने पर वह घबराएं या डरें नहीं और मामले को दबाने के बजाय अपने परिवार और शिक्षकों को बताएं. इसमें सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा. एंटी बुलिंग पर भी छात्रों को बताया जाएगा.
बढ़ते बाल अपराध से बच्चों को बचाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि बच्चों को अपराध से बचाने के लिए शिक्षा विभाग भी सचेत है. उन्होंने कहा कि अब भी समय-समय पर स्कूलों में कार्यशालाएं होती हैं, जिनमें छात्रों को अपराध के प्रति सतर्क रहने के बारे में बताया जाता है. यौन उत्पीड़न का बच्चों के मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है.

छात्रों तथा शिक्षकों को पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूलों में पॉक्सो कमेटियों का गठन किया जाएगा. बाल उत्पीड़न के बारे में बताने और बचाव के लिए विशेष कार्यशालाएं भी होंगी, जिसमें बाल यौन शोषण और बच्चों के प्रति हिंसा संबंधी कानूनों के बारे में भी बताएंगे. बच्चों के यौन उत्पीड़न और यौन शोषण जैसे अपराधों को रोकने के लिए पोक्सो अधिनियम- 2012 बनाया गया. 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आता है. यह कानून लड़के-लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है.