सोशल मीडिया पर इको-फ्रेंडली दिवाली मनाने की अपील

चंडीगढ़: दिवाली नजदीक आते ही सोशल मीडिया पर लोग सक्रिय हो गए हैं. सभी एक-दूसरे को व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, एक्स आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पशु-पक्षियों की फोटो-वीडियो शेयर इको-फ्रेंडली दिवाली मनाने अपील कर रहे हैं.
सरकारी विभागों की ओर से भी प्रदूषण संबंधित से बीमारियों की जानकारी दी जा रही है. साथ ही लोगों से इस दिवाली पटाखे नहीं जलाने की मांग की जा रही है.
गौरतलब है कि दिवाली से पहले ही स्मार्ट सिटी की हवा काफी बिगड़ गई है. गभीर श्रेणी में पहुंचे प्रदूषण स्तर ने सभी को चिंता में डाल दिया है. पर्यावरणविदों का कहना है कि फरीदाबाद से अरावली गुजर रही है. इस जंगल में काफी वन्य जीव-जंतु है. स्मार्ट सिटी की बिगड़ रही हवा से अरावली में रह रहे वन्य जीवों पर भी असर पड़ेगा. लिहाजा लोग इस दिवाली अपने स्वास्थ्य के साथ जीव-जंतु, पशु-पक्षियों के बारे में भी सोचें.

पर्यावरणविदों ने बताया कि पटाखे छूटने से स्थिति और भयावह हो सकती है. प्रदूषण स्तर बढ़ने से लोगों के साथ सभी को नुकसान होगा. लिहाजा सोशल मीडिया के माध्यम से समय रहते जागरूक करने का अभियान शुरू किया गया है. लोगों से ईको-ग्रीन दिवाली मनाने की अपील की जा रही है.
मीम में पटाखों से होने वाले नुकासान बता रहे
सोशल मीडिया पर मीम अपलोड किए जा रहे हैं. उसमें पटाखों से होने नुकसान को दिखाया जा रहा है. लोग ऑडियो-वीडियो अपलोड कर ग्रीन पटाखे जलाने की अपील कर रहे हैं. कह रहे हैं, पटाखों से बीमार लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. शोर-शराबा करने से परहेज करें. वायु प्रदूषण सर्दियों के दौरान गंभीर स्वास्थ्य समस्या का रूप धारण कर लेता है. ऐसे में ईको-ग्रीन दिवाली मनाएं. बढ़े वायु प्रदूषण के कारण बुजुर्गों को काफी परेशानी हो सकती है.
गौरिया की चहचहाहट कम होने लगी
धरती मां ट्रस्ट के अध्यक्ष भवान सिंह ने बिष्ट ने बताया कि प्रदूषण बढ़ते ही घरों के आंगन में गौरेया की चहचहाट कम होने लगी है. एक-दो दिन से यह पक्षी आंगन में नहीं पहुंच रही. क्योंकि प्रदूषण में इसको अधिक परेशानी होती है. खासकर गर्भावस्था वाली गौरिया स्मॉग के चलते अपने घोसले से बाहर नहीं निकल रही है. उन्होंने बताया कि गौरिया हमारे जीवन के लिए काफी अहम है. इसके झुंड में चलने से मानव जीवन को काफी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. इससे कैंसर जैसी बीमारी से भी बचाव होता है. इसलिए लोगों से सोशल मीडिया पर प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की अपील की जा रही है.
पक्षियों ने पलायन शुरू किया
भवान सिंह बिष्ट ने बताया कि वह पक्षियों के लिए काम करते हैं, लेकिन बीते दो-दिन से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में देखा जा रहा है कि कौआ, मैना, बुलबुल, फुदकी,चील आदि पक्षी का फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में आवागमन कम हो रहा है. प्रदूषण बढ़ते ही यह पक्षी स्वच्छ हवा वाले क्षेत्र में शिफ्ट कर जाती है. ऐसे में उसके लौट कर आने की उम्मीद कम रहती है. लिहाजा आशंका है कि स्मार्ट सिटी भी पक्षियों का पलायन होना शुरू हो रहा है.