कंपनियों में बढ़ा कॉर्पोरेट ट्रेनिंग का ट्रेंड

भोपाल: जिस कंपनी के एम्पलॉई अपने काम को लेकर मोटिवेटेट होते हैं, वह ज्यादा प्रोडक्टिव भी होते हैं. कोर्पोरेट ट्रेनिंग का सबसे बड़ा फायदा ये भी होता है कि वह आपकी कंपनी के एम्पलॉई को उनके काम में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मददगार होती है. जो कंपनी कॉर्पोरेट ट्रेनिंग में इनवेस्ट करती है, उनके एम्पलॉई की प्रोडक्टिविटी अन्य कंपनियों के मुकाबले 37 प्रतिशत अधिक होती है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि अधिकतर एम्पलॉई काम को ऑर्गेनाइज नहीं कर पाते हैं, लेकिन ट्रेनिंग के माध्यम से यह काम आसान हो जाता है. काम में निखार आने के साथ ही प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है.
एम्पलॉई बना रहता कंपनी का हिस्सा

कंपनी बड़ी हो या छोटी, शुरुआती चरण में हो या फिर स्थायी स्तर पर. हर जगह कुछ न कुछ ऐसी रुकावटें जरूर आती हैं, जो किसी भी बिजनेसमैन या बॉस के लिए बड़ी परेशानी बन जाती है. कई बार ये परेशानियां इतनी बड़ी बन जाती हैं कि कंपनी को भारी नुकसान होता है. इन परेशानियों की एक अहम जड़ होते हैं कर्मचारी. अगर ये सकारात्मक ऊर्जा के साथ मन लगाकर काम करें तो कंपनी ग्रो करती है. वहीं अगर ये नकारात्मक हों, आलसी या चुगली करने वाले हो, तो कंपनी डूब सकती है. यही वजह है कि कंपनियां समय-समय पर कर्मचारियों को मोटिवेट करने के लिए मीटिंग करती हैं. इन दिनों इसका स्वरूप बदल गया है. अब एक कमरे में लेक्चर, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन नहीं होता. अब कॉर्पोरेट ट्रेनर्स इनवाइट किए जाते हैं. आउट एक्टिविटीज, फन गेम्स होते हैं और खेल-खेल में एम्प्लॉइज को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती हैं.