सूत्री समितियों के गठन के बहाने साधा सियासी संतुलन

बक्सर: राज्य सरकार ने जिला सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति गठित कर दी है. कमेटी गठन के बहाने महागठबंधन सरकार ने सहयोगी दलों के बीच सियासी संतुलन भी साधा है. इसमें एक तरफ जहां जदयू और राजद को करीब-करीब समान तवज्जो मिली है, वहीं महागठबंधन के सभी घटकदलों को भी सम्मान दिया गया है. गौरतलब है कि नवगठित जिला सूत्री कमेटियों के अध्यक्ष संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री हैं. वहीं, सभी जिलों में समिति के दो-दो उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. इस तरह कुल 76 (अबतक अधूसिचत 74) उपाध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं. इनमें बिहार में मौजूद महागठबंधन सरकार में शामिल सभी 7 दलों के प्रतिनिधत्व को देखें तो जदयू-राजद को समान रूप से 33-33 मिले हैं. जबकि, दस सीटें कांग्रेस, भाकपा माले, सीपीआई और सीपीएम के खाते में गई हैं. इसके अलावा सभी जिलों की समिति में घटक दलों के नेता-कार्यकर्ता को सदस्य भी प्राय इसी समीकरण के तहत बनाया गया है.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह अहम
गौर हो कि छह माह बाद लोकसभा चुनाव होना है. वहीं, वर्ष 25 में बिहार विधानसभा का चुनाव है. इस लिहाज से भी सूत्री समिति का गठन महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा. मालूम हो कि नौ अगस्त, 22 को महागठबंधन सरकार का गठन हुआ था. इसमें शामिल सभी दल जदयू, राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई और सीपीएम आपस में समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं. सूत्री का सफलता पूर्वक गठन भी इस आपसी समन्वय का परिणाम है.