26 पंचायतें रसोई गैस के लिए तरसीं

हिमाचल प्रदेश | कुल्लू जिले के रामपुर और साथ लगते निरमंड क्षेत्र में उपभोक्ताओं को पिछले दो माह से गैस सिलेंडर की भारी कमी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई घरों में गैस चूल्हा न जलने से गृहणियां परेशान रहती हैं। यहां तक कि खाना बनाना भी मुश्किल हो रहा है. रामपुर के नागरिक आपूर्ति विभाग की गैस एजेंसी में पिछले दो महीने से गैस सिलेंडर की भारी कमी है. एजेंसी के कई चक्कर लगाने के बाद भी लोग निराश रहते हैं। पता चला है कि जुलाई माह से ही गैस सिलेंडर की भारी कमी है. जुलाई माह में इस एजेंसी पर आठ हजार और अगस्त माह में 3500 सिलेंडर कम आए। अब तक करीब 14 हजार सिलेंडरों की कमी बताई जा रही है। रामपुर के खनेरी आदि स्थानों में दो माह से गैस की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है, खासकर अस्पताल व अन्य कर्मचारी काफी परेशान हैं। इसके अलावा लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि गैस वितरण ठेकेदार सरकारी नियमों की अनदेखी कर लोगों को बिना तौले गैस देता है, जिससे गैस का वजन कम होने की आशंका रहती है.
जबकि नियमानुसार गैस सप्लाई वाहन में वेइंग मशीन का होना जरूरी है। इसी तरह निरमंड क्षेत्र की 26 पंचायतें पिछले दो माह से रसोई गैस की कमी से जूझ रही हैं। वहीं गैस एजेंसी के कर्मचारियों का कहना है कि गैस प्लांट में गैस की कमी के कारण लोगों को समय पर गैस नहीं मिल पा रही है. लोगों के बीच आम चर्चा है कि ऐसा लगता है कि गैस कंपनियों और वितरण केंद्र की मिलीभगत के कारण लोगों को घर के बजाय गैस एजेंसी में जाकर भारी कीमत पर गैस मिल रही है. उधर, नागरिक आपूर्ति निगम शिमला के एलपीजी मामले देखने वाले जेपी शर्मा का कहना है कि गैस इंडियन ऑयल के प्लांट से आती है और गैस की कमी उनकी चिंता का विषय है.
