प्रतियोगी परीक्षा विधेयक: ज्यादातर छात्रों को समझ नहीं आया बिल, छात्र संगठनों ने उठाए सवाल

झारखण्ड | झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकने के लिए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए रोकथाम और उपाय) विधेयक विधानसभा में पारित हो गया है। इस बिल को ज्यादातर छात्र अभी तक समझ नहीं पाए हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल से जुड़े छात्र संगठन इस बिल को लेकर सरकार को घेर रहे हैं. वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े छात्र संगठन इस कानून के फायदे गिना रहे हैं.
हालांकि ऐसे छात्रों की संख्या अधिक है, जो अभी भी इस बिल का फायदा या नुकसान समझने की कोशिश कर रहे हैं. से बातचीत के दौरान ऐसे छात्रों ने भी बात की जो किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं। उनका कहना है कि कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन के लिए यह विधेयक स्वागत योग्य है. वहीं जब प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी हो तो इस कानून के डर से आवाज न उठाना गलत होगा.
बिल की प्रति जलाकर विरोध जताया
शनिवार को छात्र आजसू के सदस्यों ने नकल व पेपर लीक रोकने के लिए बनाये गये विधेयक की प्रति जलाकर विरोध जताया. प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा कि सरकार ने खुद इस बिल की नकल की है और इसके जरिये नकल रोकने की कोशिश कर रही है.
बिल में तीन बिंदुओं पर विरोध
आरयू छात्र संघ के पूर्व सचिव व छात्र नेता नीतीश सिंह ने कहा कि आपत्ति के मुख्य रूप से तीन बिंदु हैं. इस विधेयक में किसी भी व्यक्ति को अनियमितताओं की शिकायत करने और रिपोर्ट करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है. इतना ही नहीं, अनियमितताओं का विरोध करने पर सजा का भी प्रावधान है.
