हिमाचल ने सफेदा, चिनार, बांस, कूथ के निर्यात से प्रतिबंध हटाया

शिमला | हिमाचल प्रदेश सरकार ने चार पेड़ प्रजातियों, सफेदा, चिनार, बांस और कुथ (औषधीय पौधे) की लकड़ी के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि राज्य के भीतर इन प्रजातियों की लकड़ी के परिवहन के लिए किसी परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य में किसान व्यावसायिक स्तर पर इन प्रजातियों की खेती करते हैं और सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी हद तक सुविधा होगी।
बयान में आगे कहा गया, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार का तेल और विभिन्न जड़ी-बूटियों सहित अन्य वन उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है। बयान में कहा गया है कि हालांकि, इन वन उत्पादों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से वैध परमिट की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है, जिससे लोग वन विभाग से विभिन्न ई-परमिट प्राप्त कर सकेंगे, जिससे हिमाचल प्रदेश इस प्रणाली को लागू करने वाला भारत का छठा राज्य बन जाएगा।
उन्होंने कहा, नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम से परमिट प्रक्रियाओं में अधिक सुविधा आने, विभाग के संचालन में पारदर्शिता बढ़ने और विभागीय कामकाज में सुधार होने की उम्मीद है।
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