उदयपुर में मानवता को बचाने के लिए सभी को एकजुट रहना होगा: डॉ. रट्टू

राजस्थान : भारतीय लोक कला मंडल में शनिवार को मासिक साक्षात्कार श्रृंखला इंद्रधनुषी सृजन रत्न कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें हिंदी, पंजाबी के लेखक, मीडिया विशेषज्ञ, दूरदर्शन के पूर्व उप महानिदेशक डॉ. कृष्ण कुमार रत्तू ने साहित्य और मीडिया के बदलावों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस समय वैश्विक स्तर पर उठापटक चल रही है। सामाजिक, राजनीतिक व नई सूचना प्रौद्योगिकी से एक नए समाज की रचना हो रही है। ऐसे दौर में मीडिया की भूमिका सबसे अहम होती है। सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे नए प्लेटफॉर्म मीडिया की चुनौती बन रहे हैं।

यहां हर पल दुनिया के सामने सैकड़ों नई जानकारी आ रही हैं। बाजारवादी माहौल में मानवीय संवेदनाएं खत्म होती जा रही हैं। अब समय आ गया है कि मानवता, संस्कृति और संस्कार बचाने के लिए सभी एक साथ मिलकर काम करें। साहित्य और कविता दोनों से समाज और देश को बहुत सारी उम्मीदें हैं। जब तक मानवीय सभ्यता रहेगी कविता भी आबाद रहेगी। उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चे मोबाइल देखकर ही बढ़े हो रहे हैं। इसमें उनका दोष नहीं है, लेकिन उन्हें इसका सही उपयोग सिखाना होगा। डॉ. रत्तू ने इस दौरान कई स्वरचित कविताएं भी सुनाईं। डॉ. रत्तू की 60 से ज्यादा किताबें हो चुकीं प्रकाशित : डॉ. रत्तू की अलग-अलग भाषाओं में 60 से ज्यादा किताबें पब्लिश हो चुकी हैं।