IAS अधिकारी ने लिया वीआरएस, निजी सचिव थे मुख्यमंत्री के

ओडिशा। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव वीके पांडियन ने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया है। केंद्र सरकार की तरफ से उनके आवेदन के स्वीकार भी कर लिया है। इसी के साथ ही अटकलें तेज हो गई हैं कि अधिकारी अब राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर उन्होंने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। ओडिशा के राजनीतिक गलियारों में भी पांडियन काफी प्रभावी चेहरा माने जाते हैं।

49 वर्षीय पांडियन तमिल हैं और पंजाब कैडर के IAS अधिकारी थे। हालांकि, उन्होंने ओडिशा की IAS अधिकारी सुजाता रौत से शादी करने के बाद कैडर ओडिशा बदल लिया था। पांडियन को ओडिशा में कई सरकारी योजनाओं का सूत्रधार भी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि चर्चिच ‘5T’ के पीछे भी उनका दिमाग रहा है। कभी कैमरा से बचने वाले पांडियन अब एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी खुद की कैमरा टीम साथ लेकर चलते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
पांडियन साल 2011 से ही मौजूदा पद पर हैं। खबरें हैं कि मयूरभंज और गंजम यानी सीएम का गृह जिला कलेक्टर के तौर पर संभालने के बाद उनका कद तेजी से बढ़ा। ऐसा कहा जाता है कि गंजम में किए गए कामों की वजह से वह सीएम पटनायक की नजरों में आ गए। खास बात है कि वह एक बार भी सेंट्रल डेप्युटेशन पर नहीं गए।
ऐसा माना जाता है कि पटनायक के पूर्व सलाहकार और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्यारीमोहन मोहापात्र के जाने के बाद पांडियन सीएम के करीबियों में शामिल हो गए थे। खास बात है कि पटनायक ने जब पांचवी बार ओडिशा के सीएम के तौर पर शपथ ली, उस दिन पांडियन का जन्मदिन था। बीते कुछ सालों में मंत्रियों और विधायक भी सीएम से मुलाकात के लिए पांडियन के सामने लाइन लगाते देखे गए हैं।