एक्सप्रेसवे पर हादसे हुए कम, अन्य मार्गों पर सुधार नहीं

गाजियाबाद: यातायात प्रबंधन को लेकर बनाई गई कार्ययोजना के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. ईस्टर्न पेरिफेरल और मेरठ एक्सप्रेसवे पर हादसों का ग्राफ हर महीने घटकर सात से पांच हो गया है. हालांकि, अन्य मार्गों पर सड़क हादसों और उनमें जान गंवाने वालों के आंकड़े में सुधार नहीं हुआ है.
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने ईस्टर्न पेरिफेरल तथा मेरठ एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों में कमी लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की थी. इसके तहत दोनों एक्सप्रेसवे के जाम और दुर्घटना वाले स्थानों पर ट्रैफिक कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई और एंट्री प्वाइंट्स पर प्रतिबंधित वाहनों को रोकने के लिए बैरियर लगाकर चेकिंग शुरू कराई. अधिकारियों के मुताबिक इससे सड़क हादसों में गिरावट आई है.

दूसरे मार्गों के हालात खराब
कार्ययोजना से अन्य मार्गों की स्थिति में सुधार नहीं हुई. वर्ष 20 में हाईवे और अन्य मार्गों पर 363 लोग सड़क हादसों में मारे गए और 638 घायल हुए. वहीं, इस वर्ष जनवरी 20 से सितंबर माह तक 262 लोग सड़क हादसे में मारे गए, जबकि 528 लोग घायल हुए.
पैदल यात्री, प्रतिबंधित वाहनों पर कसी लगाम
दोनों एक्सप्रेसवे पर दोपहिया और तीन पहिया वाहनों का आवागमन और पैदल सड़क पार करने प्रतिबंधित है. कमिश्नरेट बनने के बाद प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया, जिसके चलते मौत का ग्राफ नीचे आया.