ऑपरेशन दृष्टि का तनाव, ताकझांक की आशंका ने बढ़ाई चिंता

बरेली: यूपी पुलिस की पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में ऑपरेशन दृष्टि चल रहा है. इसके तहत पुलिस लोगों को सीसीटीवी कैमरे लगवाने या फिर उनके घर या दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को थाने से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. मगर तमाम लोग निजता भंग होने के डर से पुलिस को अपने कैमरों की जानकारी नहीं दे रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस के पास उनके कैमरों का एक्सेस होगा तो उनके घर या दुकान में कभी भी ताकझांक की जा सकती है.
तमाम लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने घर और दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं. इसके जरिये वे लोग खुद ही अपनी निगरानी करते हैं. पिछले दिनों यूपी पुलिस ने ऑपरेशन दृष्टि शुरू किया गया, जिसके तहत सभी जिलों में सीसीटीवी के जरिये अपराधियों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाई गई. इसमें लोगों को प्रेरित कर सीसीटीवी कैमरे उनके घर या दुकान के सामने लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है. साथ ही पहले से लगे कैमरों के आईपी एड्रेस लेकर अपने सिस्टम से जोड़ना है.

-राहुल भाटी, एसपी सिटी
शिक्षक ने कहा, कभी भी हो सकती ताकझांक
सुभाषनगर क्षेत्र में करगैना के इटौआ रोड निवासी शिक्षक सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि उनके घर में छह कैमरे लगे हैं. दो गली में हैं और चार घर के अंदर हैं. चार-पांच दिन पहले उनके पास दो पुलिसकर्मी पहुंचे और आईपी एड्रेस व पासवर्ड मांगा. उन्होंने निजता का हवाला देते हुए मना किया तो तमाम तर्क देने लगे. मगर उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया. सत्येंद्र का कहना है कि ऐसे तो पुलिस वाले कभी भी घर में ताकझांक कर सकते हैं.
स्कूल संचालक ने निजता का हनन बताया
बारादरी क्षेत्र में पीलीभीत बाईपास रोड स्थित का एक स्कूल में भी ऐसा ही घटनाक्रम हुआ. स्कूल संचालक ने बताया कि बारादरी थाने पुलिसकर्मी उनके पास पहुंचे और कप्तान के आदेश का हवाला देकर सीसीटीवी कैमरों का आईपी एड्रेस और पासवर्ड मांगने लगे. उन्होंने कैमरों को अपनी निजी संपत्ति बताया और इसे निजता का उल्लंघन बताकर इनकार किया तो पुलिसकर्मी दबाव बनाने लगे. मगर उन्होंने फिर साफ इनकार कर दिया.