ब�?रांड ‘क�?मारीथेन’ कन�?याक�?मारी में मध�?मक�?खी पालन को बढ़ावा देगा

जिले की मध�?मक�?खी पालन क�?षमता की मान�?यता में, तमिलनाड�? बागवानी विभाग ने पचिपराई में मध�?मक�?खी पालन के लि�? अपने उत�?कृष�?टता केंद�?र में उत�?पादित शहद के लि�? �?क नया ब�?रांड – ‘क�?मारीथेन’ लॉन�?च किया है। सूचना प�?रौद�?योगिकी मंत�?री टी मनो थंगराज और अन�?य गणमान�?य व�?यक�?तियों ने हाल ही में नागरकोइल में �?क समारोह में ब�?रांड का अनावरण किया।

तमिलनाड�? में पश�?चिमी घाट वनस�?पतियों से संपन�?न हैं जो मध�?मक�?खी पालन का समर�?थन करते हैं। मध�?मक�?खी पालन के लि�? उत�?कृष�?टता केंद�?र नवीनतम तकनीकों पर किसानों को प�?रशिक�?षण प�?रदान करता है और मध�?मक�?खी पालन और शहद उत�?पादन पर ज�?ञान सा�?ा करने के लि�? �?क मॉडल इकाई के रूप में कार�?य करता है।
बागवानी विभाग की उप निदेशक वाई शीला जॉन ने कहा कि राष�?ट�?रीय बागवानी मिशन कोष के तहत 2017-18 के दौरान तमिलनाड�? बागवानी विभाग द�?वारा पेचिपराई में राज�?य बागवानी फार�?म में केंद�?र की स�?थापना की गई थी। उन�?होंने कहा, “यहां उत�?पादित शहद अब कन�?याक�?मारी जिले में बागवानी विभाग के आउटलेट और चेन�?नई सहित अन�?य स�?थानों पर बेचा जा�?गा।”
केंद�?र के प�?रशासक और बागवानी अधिकारी डी अर�?ण क�?मार ने कहा कि केंद�?र में प�?रसंस�?करण और पैकिंग की उन�?नत तकनीक से उच�?च ग�?णवत�?ता वाले शहद का उत�?पादन स�?निश�?चित होता है। उन�?होंने कहा, “हम जनवरी से अप�?रैल के मौसम के दौरान पेचिपराई में रबर के बागानों में शहद के बक�?से रखते हैं, और ऑफ-सीज़न के दौरान, हम किल�?लियूर ब�?लॉक में मंडईकाडू और मथिकोड में नारियल के पेड़ों में बक�?से रखते हैं।”
मध�?मक�?खियां परागण में भी महत�?वपूर�?ण भूमिका निभाती हैं और इस प�?रकार फसलों, विशेष रूप से बागवानी फसलों की उत�?पादकता में वृद�?धि करती हैं। जबकि 1 किलो ‘क�?मारीथेन’ का खेत मूल�?य 300 र�?पये है, उत�?पाद बाजार में 350 र�?पये में उपलब�?ध है। केंद�?र की निकट भविष�?य में शहद उत�?पादन बढ़ाने की भी योजना है।
क�?रेडिट: newindianexpress.com