बैंक प्रबंधक की ह्त्या के नहीं खुले राज़, होगा क्राइम सीन का दोहराव

उत्तरप्रदेश | रामरघु एग्जॉटिका कालोनी (ताजगंज) में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय की गला घोंटकर हत्या की गई थी. हत्या से पहले उन्हें जलाया भी गया था. मुकदमे में नामजद साले को पुलिस जेल भेज चुकी है मगर हत्याकांड के राज अभी नहीं खुले हैं. किसने सचिन का गला घोंटा था. उन्हें किससे जलाया गया था. मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस क्राइम सीन का दोहराव करेगी. वहीं दूसरी तरफ मुकदमे में नामजद कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेंद्र रावत और उनकी बेटी प्रियंका उर्फ मोना की गिरफ्तारी न होने से परिजनों में आक्रोश है. उनका कहना है कि पुलिस बार अध्यक्ष के दबाव में है.

सचिन उपाध्याय की शादी फरवरी 2015 में प्रियंका उर्फ मोना से हुई थी. 12 की शाम पांच बजे उनकी खुदकुशी की सूचना पुलिस को दी गई थी. पैनल से पोस्टमार्टम कराया था. पोस्टमार्टम में मौत की वजह गला घोंटकर हत्या आई थी. उन्हें जलाया भी था. शरीर पर कई चोटों के निशान मिले थे. यह भी खुलासा हुआ था कि शव एक से दो दिन पुराना था. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि हत्या 11 की रात की गई थी. ताजगंज थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमे में ससुर अधिवक्ता बिजेंद्र रावत, साला कृष्णा रावत और पत्नी प्रियंका रावत को नामजद किया था. पुलिस ने साले कृष्णा रावत को जेल भेजा था.
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