CJI ने इंटरव्यू में कहा, मेरे में नहीं है जादूगरी का टैलेंट

दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि वह कोई जादूगर नहीं हैं, जो चुटकी बजाकर देश या देशभर की अदालतों की सभी समस्याओं को हल कर दें। हालांकि, उन्होंने कहा कि सीजेआई का पदभार संभालने के बाद से उन्होंने वास्तव में अदालतों की पुरानी समस्याओं के समाधान की एक प्रक्रिया शुरू की है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में CJI ने कहा, “जिस दिन मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, उसी दिन मैंने न्यायालय के सदस्यों, बार और यहां तक कि वादियों से कहा कि मैं कोई जादूगर नहीं हूं जो न्यायालय की या देश की सभी समस्याओं को एक पल में हल कर सकता हूं।” बता दें कि बतौर सीजेआई उनका कार्यकाल एक साल पूरा हो चुका है।

CJI ने कहा, “हालाँकि, अदालतों को प्रभावित करने वाली पुरानी समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने की मेरे पास एक स्पष्ट योजना थी। इसलिए, पहला काम जो मैंने किया, वह था खंडपीठ के अपने सहकर्मियों से परामर्श करना और उनका दृष्टिकोण जानना। मैंने न्यायपालिका को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान के लिए एक कार्य योजना बनाने के लिए न्यायिक अधिकारियों, विद्वानों और शोधकर्ताओं की एक टीम भी गठित की। इन चर्चाओं से उभरे फोकस के कुछ प्रमुख क्षेत्र थे न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार करना, न केवल जजों बल्कि अदालत के कर्मचारियों की क्षमताओं को मजबूत करना और अदालत में लंबित मामलों को कम करना।”
सीजेआई ने कहा कि इनके अलावा, जिन दो क्षेत्रों में मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करता हूं कि उनमें तेजी लाने की जरूरत है, वे हैं प्रौद्योगिकी को अपनाना और संवैधानिक मामलों की सुनवाई। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले एक साल में सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका के कामकाज में कई प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि न्यायिक पक्ष की बात करें तो एक साल में करीब 50,000 मामलों का निपटारा किया गया है, जो लगभग उसी अवधि में दायर किए गए मामलों की संख्या के बराबर है।
सीजेआई ने कहा, “हमने सुनिश्चित किया है कि लंबित मामलों में बढ़ोत्तरी न हो। इस संबंध में एक और अहम बात यह है कि हमने महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की सुनवाई पूरी करने और केस को निपटाए जाने वाले मामलों की संख्या में वृद्धि की है और यह सुनिश्चित किया है कि कम से कम एक संविधान पीठ लगातार काम करे। ऐसा कर हमने कई सालों और दशकों से लंबित कई संवैधानिक मामलों का निपटारा किया है।” उन्होंने कहा कि आगे भी यह जारी रहेगा क्योंकि कई मामले संविधान पीठ के सामने सुनवाई की कतार में हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर सुधार लाते हुए हमने सुप्रीम कोर्ट में आईसीटी सक्षम न्यायालय स्थापित किए हैं। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और ट्रांसक्रिप्शन टूल के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों, ट्रांसक्रिप्ट का सारांश, अनुवाद, अदालती परीक्षणों के लिए विशेष स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के निर्माण और प्रक्रिया स्वचालन पर सहयोग के लिए आईआईटी मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया गया है।