वाहन चोरों का अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा, सात बाइक बरामद

मुरादाबाद। महानगर में बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के आरोपी एक अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्य रविवार देर रात पुलिस के हत्थे चढ़े। आरोपियों के कब्जे से चोरी की कुल सात बाइक बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपियों में से तीन उत्तराखंड के रहने वाले हैं। जबकि एक मुरादाबाद का मूल निवासी है। चारों आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। वहां से सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिए गए।
एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि महानगर में बाइक चोरी की सिलसिलेवार घटनाओं से परेशान पुलिस चोरों की तलाश में जुटी थी। एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व सीओ सिविल लाइंस डा. अनूप कुमार के नेतृत्व में सिविल लाइंस पुलिस बाइक चोरों की तलाश कर रही थी। मुखबिर से पता चला कि वाहन चोरी में लिप्त युवक चट्टा का पुल व महलकपुर रोड फैक्ट्री एरिया से गुजरने वाले हैं।
वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने चार संदिग्धों को दबोचा। आरोपियों की पहचान बलवेन्द्र सिंह निवासी कामबारी थाना बनाखेडा, उधम सिंह नगर, विक्रम सिंह निवासी नमूना पहाड़पुर थाना बाजपुर, उधम सिंह नगर, बलजीत निवासी नगदपुरी थाना बाजपुर, उधम सिंह नगर उत्तराखण्ड के अलावा गुलफाम निवासी घोसीपुरा थाना कांठ, मुरादाबाद के रूप में हुई। पूछताछ में संदिग्धों ने स्वीकारा कि वह महानगर में दोपहिया वाहनों की चोरी करते हैं। चारों के कब्जे से चोरी हुई पांच बाइक व दो स्कूटी पुलिस ने बरामद की। सभी वाहनों पर मुरादाबाद का नंबर प्लेट चस्पा मिला। गुलफाम की जेब से एक चाकू पुलिस ने बरामद किया।
सीओ सिविल लाइंस अनूप कुमार ने बताया कि बलवेंद्र सिंह डिलीवरी ब्वाय से बाइक चोर बना है। उन्होंने बताया कि मूलरूप से उत्तराखंड में रहने वाला बलवेंद्र सिंह मुरादाबाद में जोमैटो कंपनी में डिलीवरी बाय के रूप में नौकरी करता था। नौकरी से जरूरतें पूरी न होने के कारण बलवेंद्र ने चोरी की राह पकड़ ली। अपने साथी विक्रम सिंह व बलजीत सिंह की मदद से मुरादाबाद से चुराई गई बाइक उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर ले जाकर बेचता था।
चोरी की बाइक 20 हजार रुपये से 50 हजार रुपये में बेची जाती थी। पूछताछ में बलवेंद्र ने बताया कि मझोला के गागन तिराहे के समीप किराए का कमरा लेकर वह रहता था। बाइक चुराने में गुलफाम उसकी मदद करता था। नौकरी के दौरान महानगर में वह ऐसे स्थानों का चुनाव करता था, जहां से बाइक आसानी से चुराई जा सकती थी।
