नरक चतुर्दशी पर दीपक कहाँ जलाएं

नरक चतुर्दशी : दिवाली भारतीयों का एक त्यौहार है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. नरक चतुर्दशी के दिन विशेष स्थानों पर दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन का एक खास मतलब होता है. जानिए आखिर आज यानि नरक चतुर्दशी पर दीपक कहाँ जलाएं।

14 दीपक बनाएं
इस दिन शाम को दिवा किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन यमराज की पूजा करने से परिवार के सदस्यों को लंबी उम्र और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। इस समय चौदह में 13 दिवस और 14 दिवस बनते हैं। मान्यता है कि घर के हर कोने में दीपक जलाए जाते हैं। यह तुम्हें नरक जाने से बचा सकता है।
कहां-कहां करें दीपदान
नरक चतुर्दशी के दिन शाम होने से पहले एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाएं और दूसरा दीपक घर के मंदिर में जलाएं। इसके बाद तीसरा दीपक घर के मंदिर में रखें और धन की देवी लक्ष्मी के सामने करें।
तुलसी और पीपल
चौथा दीपक तुलसी क्यारा में जलाएं. किसी पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। छठा दीपक किसी ठंडी जगह पर रखें। जबकि सातवां दीपक कूड़ेदान के पास रख दें।
बाथरूम और छत
आठवां दीपक बाथरूम में और नौवां दीपक छत पर रखें। दसवां दीपक रसोई में और ग्यारहवां दीपक घर की खिड़की या बालकनी में रखें। बारहवें दीपक को सीढ़ियों से और तेरहवें दीपक को पानी से बदल दें।
आखिरी दीपक
रात को सोने से पहले आखिरी दीपक दक्षिण दिशा में कूड़े के पास रखें। ये सभी दीपक जीवन में कठिनाइयों के अंधकार को दूर कर प्रकाश फैलाएंगे।