ओपीडी में बुखार के 50 फीसदी मरीज बढ़े

नालंदा: मौसम के बदलने का प्रतिकूल प्रभाव लोगों की सेहत पर दिखाई देने लगा है. विभिन्न मौसमी बीमारियों के दस्तक देने से इन दिनों जिले के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए इस तरह के मरीज पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में कल 523 मरीज का इलाज किया गया इसमें से अधिक मरीज सर्दी खांसी और बुखार के ही पाए गए भी यही हाल बना रहा . इन दिनों मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते किसी तरह के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई है.
आंकड़े के अनुसार, सदर अस्पताल के सामान्य ओपीडी में पहर के करीब बजे तक 03 सौ मरीज पहुंचे थे. इनमें से कुल मरीजों के करीब 50 फीसदी में सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण पाए गए. बताया गया कि अधिकतर मरीजों का मौसम परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य बिगड़ा है और सभी को वायरल फीवर का लक्षण है. खासकर बुजुर्ग व बच्चे इस मौसम की मार झेल रहे हैं.

बुखार, सिरदर्द (हल्के से गंभीर), गला खराब होना, नाक बहना या नाक बंद होना, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द, दस्त या पेट दर्द, मतली उल्टी, थकान, चक्कर आना, ठंड लगना, आंखों का लाल होना या जलन होना, चेहरे की सूजन, त्वचा पर चकत्ते, भूख में कमी सभी वायरल बुखार के लक्षण हैं.
वायरल बुखार से बचाव के उपाय कुछ सावधानी बरतकर वायरल बुखार से बचाव किया जा सकता है. बताया गया कि हाथों को अच्छी तरह से धोएं, भीड़-भाड़ वाले स्थलों का दौरा कम करें, मुंह-नाक व कान छूने से परहेज करें व छींकने पर रुमाल का इस्तेमाल कर वायरल फीवर जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है.
बजुर्गों व बच्चों पर दिख रहा ज्यादा असर सदर अस्पताल के डीएस डॉ. इसरायल ने बताया कि न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है. इसका ज्यादा असर बुजुर्ग व बच्चों पर पड़ रहा है. थोड़ी भी लापरवाही से लोगों की तबीयत बिगड़ जा रही है. सुबह-शाम ठंड से बचने की आवश्यकता है. सभी अनुमंडलीय, रेफरल, पीएचसी व सीएचसी में मौसम जनित बीमारियों के मरीज पहुंच रहे. इन अस्पतालों में भी रोज 20 से 45 मरीज प्रतिदिन वायरल बुखार सर्दी जुकाम आदि के इलाज के लिए आ रहे हैं.