पुलिस की दबिश, हरोली में नशा निवारण केंद्र से छुड़वाए 33 मरीज

ऊना: उपमंडल क्षेत्र की ग्राम पंचायत अप्पर बढ़ेडा में हरोली पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर दो मंजिला भवन के एक कमरे में अवैध रूप से चल रहे नशा निवारण केंद्र का पर्दाफाश किया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने भवन के एक कमरे में कैद 33 मरीजों को छुडवाया। इस संबंध में पुलिस ने छह लोगों बलराम निवासी बारापुर, बलजीत निवासी चब्बेवाल, सौरभ निवासी गांव बस्सी, अमरीक सिंह निवासी गांव मेहना, हरप्रीत सिंह पुत्र निरंजन सिंह गांव बिहला जिला होशियारपुर पंजाब व राहुल कुमार पुत्र केपी सिंह निवासी रक्कड़ कालोनी जिला ऊना के खिलाफ पुलिस थाना हरोली में धोखाधड़ी सहित अन्य विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

यह कार्रवाई डीएसपी मोहन लाल रावत के नेतृत्व में बीएमओ हरोली संजय मनकोटिया व एसएचओ सुनील कुमार सहित पुलिस टीम (स.उ.नि. निर्मल पटियाल, मु.आ. नरेंद्र कुमार, आ. अजय कुमार) और ग्राम पंचायत प्रधान व उपप्रधान को रेडिंग पार्टी में शामिल कर संयुक्त रूप से की गई। हरोली पुलिस ने कमरे में बंद 33 युवकों को छुड़वाया, जिसमें 31 मरीज पंजाब व दो हिमाचल (एक चंबा व एक सोलन) निवासी पाए गए। मरीज अजय कुमार ने बताया कि इसको जहां भर्ती करवाने हेतु इसके परिवारजनों ने उपरोक्त केंद्र को 20,000 रुपए की राशि दी है। नशा निवारण केंद्र में झूठ बोल कर लोगों से पैसे ऐंठे जा रहे है।
युवक की मौत पर भी सुर्खियों में रहा केंद्र
कुछ माह पहले अवैध रूप से चल रहे इसी नशा निवारण केंद्र में जिला ऊना के एक 28 वर्षीय मरीज युवक की हत्या का मामले को लेकर खूब सुर्खियों में रहा। उक्त युवक को उसके परिजनों ने 15 दिन पहले ही इस केंद्र में भर्ती करवाया था। युवक के परिजनों ने केंद्र में उनके बेटे की डंडों से निर्मम पिटाई करने जैसे आरोप लगाए थे।
सभी मरीज परिवार के हवाले
डीएसपी हरोली मोहन लाल रावत ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे नशा निवारण केंद्र से रेस्क्यू किए 33 युवकों को उनकी पहचान कर उनके परिचनों के हवाले किया जाएगा। केंद्र के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद आरोपियों को कार्रवाई के लिए गिरफ्तार किया जाएगा।