इजरायल-हमास युद्ध: चारो तरफ तबाही का मंजर, भारतीय मूल की महिला सैनिकों की मौत

नई दिल्ली: इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग को आज 10वां दिन है. इस बीच अब यह खबर सामने आई है कि इस जंग में भारतीय मूल की दो महिला सैनिकों की भी मौत हो गई है. दोनों महिला सैनिक 7 अक्टूबर को हुई घटना के समय दक्षिणी इजरायल में मौजूद थीं. इजरायली सेना के साथ-साथ इजरायल के भारतीय समुदाय ने इस बात को कंफर्म किया है.

हमले में जान गंवाने वाली महिला सैनिकों का नाम 22 साल की लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस (Lieutenant Or Moses) और इंस्पेक्टर किम डोक्राकर (Kim Dokraker) है. ऑर मोसेस होम फ्रंट कमांड में तो वहीं किम डोक्राकर बॉर्डर पुलिस ऑफिस में तैनात थीं. दोनों की मौत 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में ड्यूटी के दौरान हुई है. बता दें कि हमास के साथ जंग में अब तक 286 सैनिक और 51 पुलिस अफसरों की मौत हुई है.
इजरायल के भारतीय समुदाय का कहना है कि भारतीय मूल के मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि अभी तक इजरायल के कई लोगों को हमास ने किडनैप कर रखा है, जिनमें से कुछ की अभी तक पहचान भी नहीं हो सकी है. भारतीय मूल की 24 साल की महिला शहाफ टॉकर (Shahaf Talker) 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में बाल-बाल बची हैं. अटैक में बचने वाली शहाफ और उसके दोस्त यानिर ने हमले के बारे में एजेंसी से बात की.
दरअसल, शहाफ के दादा याकोव टॉकर (Yaacov Talker) 1963 में मुंबई से इजरायल पहुंचे थे. तब से उनका परिवार वहीं रहता है. शहाफ ने हमले के बारे में बात करते हुए बताया कि वह और उनका दोस्त यानिर अब तक सदमे में हैं. शहाफ ने बताया कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हो रही पार्टी में वह अपने दोस्त यानिर के साथ गई थी. अचानक उन्होंने देखा की आसमान से रॉकेट बरस रहे हैं.
शहाफ ने बताया कि मैंने यानिर से कहा कि आसमान से मिसाइल गिर रही हैं. इसके बाद हमनें कार की तरफ भागना शुरू कर दिया. दौड़ते हुए मेरा पैर फिसला और मैं जमीन पर गिर गई. यानिर में मुझे उठाया और कहा कि सब कुछ ठीक है, लेकिन हमें जल्द ही यहां से भागना होगा. हम कार में बैठे और उसे ड्राइव करना शुरू किया. पुलिस ने दाहिने तरफ भागने के लिए कहा, लेकिन वह रोड तेल अवीव की तरफ नहीं जाती थी, इसलिए हमने पीछे मुड़कर तेल अवीव की तरफ जाने का फैसला किया.
उन्होंने आगे बताया कि हमें नहीं पता था कि हम बचेंगे या मारे जाएंगे. आतंकी पूरी प्लानिंग के साथ भागने वालों का इंतजार कर रहे थे. आठ आतंकियों ने सड़क ब्लॉक कर रखी थी. उन्हें देखते ही आतंकियों ने उन पर फायरिंक शुरू कर दी. इसके बाद यानिर ने कार बैक की और वह फिर दूसरी तरफ भागे, लेकिन यहां भी आतंकी मौजूद थे. किसी तरह उनसे बचकर दोनों एक गैस स्टेशन (पेट्रोल पंप) पहुंचे और तीन घंटे तक डर के साये में वहीं छुपे रहे. उनके साथ वहां करीब 21 लोग और मौजूद थे. वहां सिर्फ एक सिक्योरिटी गार्ड था, जिसके पास गन थी.