नदी किनारे की सभ्यताओं पर फिर खतरा मंडराया

वाराणसी न्यूज़: मौसम में बदलाव से नदियों के किनारे विकसित सभ्यताओं पर हजारों साल पुराने संकट के आसार फिर बनने लगे हैं इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र की जल रिपोर्ट-2023 में संकेत मिलने पर वैज्ञानिकों ने नये सिरे से चिंतन शुरू कर दिया है इसके तहत हिमालय ग्लेशियर को केंद्र में रख कर मौसम में होने वाले भावी बदलवों और उसके दुष्परिणामों का आकलन किया जायेगा

पर्यावरण विशेषज्ञ और बीएचयू के पूर्व आचार्य प्रो. एसके. तिवारी ने यूएन की जल रिपोर्ट का स्वत संज्ञान लेते हुए एक स्वतंत्र दल का गठन किया है उन्होंने बताया कि अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड के ग्लेशियर एवं हिमालय के ग्लेशियर की प्रवृत्ति बिल्कुल अलग है अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड के ग्लेशियर खास मौसम के कारण पूरे वर्ष बनते रहते हैं जबकि हिमालय पर ग्लेशियर का निर्माण पूरी तरह से मानसून पर निर्भर रहता है उन्होंने कहा कि प्रत्येक चार वर्ष के बाद एक खास परिस्थिति में हिमालय ग्लेशियर के गलने की गति बढ़ जाती है लेकिन वर्तमान में यह स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है मानसून काल में हो रहे बदलाव का प्रभाव अब हिमालय पर भी दिखने लगा है स्वतंत्र दल में प्रो. एके सिन्हा, जियोलाजिस्ट प्रो. मिनल मिश्रा, प्रो. भास्कर इस दल के प्रमुख सदस्य हैं

2050 तक पेयजल का गंभीर संकट: यूएन की जल रिपोर्ट कह रही है कि वर्ष 2050 तक दुनिया की बड़ी आबादी पेयजल के अभूतपूर्व संकट से गुजरेगी प्रो. तिवारी ने कहा कि हिमालय से निकलने वाली सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र के संबंध में दी गई चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता स्वतंत्र दल में लेह लद्दाख में 35 वर्षों तक ग्लेशियर पर गहन अध्ययन करने वाले प्रो. एके सिन्हा, जियोलाजिस्ट प्रो. मिनल मिश्रा, प्रो. भास्कर इस दल के प्रमुख सदस्य हैं इस दल में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 12 शोधार्थी भी शामिल है.


R.O. No.12702/2
DPR ADs

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
रुपाली गांगुली ने करवाया फोटोशूट सुरभि चंदना ने करवाया बोल्ड फोटोशूट मौनी रॉय ने बोल्डनेस का तड़का लगाया चांदनी भगवानानी ने किलर पोज दिए क्रॉप में दिखीं मदालसा शर्मा टॉपलेस होकर दिए बोल्ड पोज जहान्वी कपूर का हॉट लुक नरगिस फाखरी का रॉयल लुक निधि शाह का दिखा ग्लैमर लुक