आईआईटी बीएचयू में यौन उत्पीड़न व गैंग रेप मामले में दलित नेता ने किया विरोध प्रदर्शन

लखनऊ। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के संयुक्त आह्वाहन पर प्रतिरोध दिवस के तहत आईआईटी बीएचयू में यौन उत्पीड़न व गैंग रेप पीड़िता व इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र नेता विवेक कुमार को न्याय के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ देशभर में प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति महोदया के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।

प्रदर्शन के दौरान जारी संयुक्त बयान में आइसा,ऐपवा,आरवाईए के प्रदेश अध्यक्ष क्रमशः आयुष श्रीवास्तव, कृष्णा अधिकारी, राकेश सिंह ने कहा कि जब से भाजपा की सरकार केंद्र की सत्ता में आई है महिलाओं व दलितों पर बेतहाशा दमन बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की डबल इंजन वाली योगी सरकार में दमन दो कदम आगे है। प्रदेश में बढ़ते दमन को समझने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में घटित दो परिघटनाओं पर बात करते हैं। विगत 01 नवंबर को देर रात आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा के साथ विश्वविद्यालय परिसर में बंदूक की नोक पर गैंगरेप किया जाता है। पूरी परिघटना की वीडियो बनाई जाती है। अपराधियों ने क्या-क्या बर्बरता की और धमकी दी होगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। इस पर कार्रवाई करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन इसको छेड़खानी की घटना करार देने और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में लगा रहा। मामला सामने आने के बाद एफआईआर में गैंगरेप की धारा को दर्ज कर लिया लेकिन अभी तक किसी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। छात्रा को न्याय दिलाने और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग पर आइसा व अन्य छात्र संगठनों द्वारा जारी प्रदर्शन पर संघ-भाजपा से जुड़े संगठन ABVP ने पुलिस की मौजूदगी में हमला किया। हमलावरों को न रोका गया और न ही उन पर एफआईआर दर्ज किया गया, बल्कि पीड़िता के लिए न्याय मांग रहे प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं पर ही एससी-एसटी समेत कई धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।
लखनऊ में परिवर्तन चौक पर ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष का कृष्णाधिकारी और आइसा के प्रदेश अध्यक्ष का आयुष श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने भारी पुलिस बल के बीच जमकर नारेबाजी की। नेताओं ने आन्दोलन कारियों को सम्बोधित करते हुए भाजपा सरकार -विश्व विद्यालय प्रशासन और न्यायपालिका के नापाक गठजोड़ की कड़ी निन्दा की।यहां प्रदर्शनकारियों में उक्त नेताओं के अलावा प्रमुख रूप से आरवाईए के का राजीव गुप्ता,आइसा की सुकीर्ति, इमरान ,समर, सनातन,अमीष, संदीप, मनीष, क्रांति,ऐपवा की कमला गौतम,मंजू गौतम मीना,जसम के का मो कलीम खान,का शान्तम्,आदि योग, धर्मेन्द्र कुमार,का मो काॅमिल खान एडवोकेट, भाकपा माले के जिला प्रभारी का0रमेश सिंह सेंगर,का रमेश चन्द्र शर्मा,का रामसेवक रावत आदि लोग मौजूद थे।
आइसा,ऐपवा,आरवाईए के प्रदेश सचिव क्रमशः शिवम सफीर, कुसुम वर्मा, सुनील मौर्य ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बेतहाशा फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन चला रहे छात्र नेताओं को रिहा करने, कैंपस में लोकतंत्र बहाल करने, GSCASH, लाईब्रेरी, साफ पानी, हॉस्पिटल जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग को सोसल मीडिया पर उठाने, पर्चा बांटने के आरोप में निलंबित व कैंपस से प्रतिबंधित किए गए छात्रों के पक्ष में आवाज उठाना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह को नागवार गुजरा। जिसके बाद वे दलित समाज से आने वाले छात्र नेता विवेक कुमार को मां-बहन की गाली, हाथ पैर तुड़वा देने की धमकी देने लगे। उससे भी तसल्ली नहीं हुई तो उन्होंने खुद सुरक्षा गार्ड का डंडा छीन कर विवेक कुमार को गेट के बाहर डंडे से मार-मार कर बुरी तरह घायल कर दिया। इस बर्बर हमले के खिलाफ छात्र तत्काल ही थाना कर्नलगंज में शिकायती प्रार्थना पत्र दिये परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा राकेश सिंह के विरुद्ध लगभग 01 महीना बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई, कार्रवाई करने की बात बहुत दूर है। पुलिस प्रशासन ऊपर से दबाव होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहा है।
नेताओं ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज का दावा चाहे जितना जोर शोर से योगी सरकार प्रचारित करे लेकिन सच्चाई एकदम उलट है। सत्ता के इशारे पर ही थाने नाच रहे हैं। न्याय पाने की उम्मीद करना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में शिक्षा बचाने, विश्वविद्यालय बचाने, न्याय पाने के लिए एकजुट होना बेहद ही जरूरी है।
आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ किए गए सामूहिक बलात्कार के अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने, पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए धरना दे रहे छात्र-छात्राओं पर से फर्जी मुकद्दमें वापस लेने, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्रनेता विवेक कुमार पर हमला करने वाले चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए, परिसरों में GSCASH व SC/ST सेल लागू करने की मांग की।
ज्वलंत सवाल पर आयोजित प्रदेशव्यापी आह्वाहन को भाकपा माले का सक्रिय समर्थन देने के लिए नेताओं ने पार्टी को धन्यवाद दिया। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने कार्रवाई होने तक संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा),
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा),
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए)