अब तक 2.30 लाख आईडी बनने का खुलासा, संपत्तियों को किया जा रहा सीज

शिमला। करोड़ों रुपए के क्रिप्टो करंसी स्कैम में आयकर विभाग से भी एसआईटी जानकारियां जुटा रही है। एसआईटी वित्तीय जांच के तहत आयकर विभाग के साथ भी सांझा कर रहा है, ऐसे में आयकर विभाग का शिकंजा भी आरोपियों पर जल्द कस सकता है। मुख्य रूप से जांच दायरे में चल रहे सरकारी कर्मचारियों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। अब तक की जांच में क्रिप्टो करंसी स्कैम के तहत अढ़ाई लाख अधिक आईडी बने होने का खुलासा हो चुका है। आरोपियों ने हिमाचल के साथ ही कई अन्य राज्यों में भी क्रिप्टो करंसी का जाल बिछाया और चंद सालों में लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

विभिन्न माध्यमों से 2300 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन होने के तथ्य अभी तक सामने आ चुके हैं। आने वाले समय में ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है। सूचना के अनुसार इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित की गई एसआईटी केंद्रीय वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया ईकाई (एफआईयू), ईडी व आयकर विभाग से भी सूचना सांझा कर रही है। इसके साथ ही आरोपियों की संपत्तियों को भी सीज करने की प्रक्रिया चल रही है। 1 करोड़ की संपत्ति फ्रीज किया जा चुका है जबकि 5 करोड़ की संपत्ति का फ्रीज करने की प्रक्रिया जारी है। करोड़ों रुपए के घोटाले में संलिप्त आरोपियों की संपत्तियों की पूरी मैपिंग एसआईटी करवा चुकी है, साथ ही भूमिगत हुए आरोपियों की धरपकड़ को लेकर भी जांच टीम ने प्रदेश के साथ ही बाहरी राज्यों में जाल बिछाया हुआ है। पकड़े गए दोनों आरोपी भी कस्टडी में चल रहे हैं। पूछताछ में वह कई राज खोल चुके हैं।
उधर क्रिप्टो करंसी फ्रॉड मामले में सिरमौर जिला पुलिस की तरफ से मिली पहली शिकायत को भी एसआईटी ने जांच में शामिल कर लिया है। इस सिलसिले में ठगी का शिकार उपमंडल पांवटा साहिब से ताल्लुक रखने वाले 45 लोगों ने गत सोमवार को हस्ताक्षर व मोबाइल नंबरों सहित एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा को लिखित शिकायत सौंपी थी। शिकायत में बताया गया कि इस क्रिप्टो करंसी में सिरमौर जिले के पांवटा साहिब, सतौन, शिलाई, रेणुका जी, नाहन, कालाअम्ब व साथ लगते कई लोगों ने इस योजना में धनराशि निवेश की है। क्रिप्टो करंसी स्कैम के बाद अब पुलिस व अन्य एजैंसियां अलर्ट हो गई हैं। इसके तहत जानकारियां जुटाई जा रही हैं कि कहीं प्रदेश में इस तरह के अन्य स्कैम तो नहीं चल रहे हैं।