सिरोंज में सिंचाई तो दूर, इस बार पीने के पानी की भी होगी भारी किल्लत

भोपाल: इस बार जिले में औसत से काफी कम बारिश हुई है. सबसे खराब हालत सिरोंज तहसील की है, जहां मात्र 621 मिमी बारिश हुई है. इसी तरह कुरवाई तहसील में भी 7 मिमी बारिश हुई है. ऐसी अल्प वर्षा की दशा में इस बार क्षेत्र के किसानों को सिंचाई से बांधों का पानी मिलना तो दूर की बात है, पेयजल के भी लाले पड़ने के हालात बन रहे हैं. सबसे खराब हालत सिरोंज की है, यहां का कैथन बांध खाली पड़ा है, जबकि इसी बांध से सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की आपूर्ति होती है.
सिरोंज नगर में जो नलकूप हैं, उनमें भी पानी ज्यादा नहीं रहता, इसलिए इस बार पीने के पानी का भी संकट सिर पर मंडरा रहा है. विदिशा जिले में इस बार औसत वार्षिक बारिश 1075.50 मिमी के मुकाबले मात्र 898 मिमी बारिश ही हो सकी है. इसमें से विदिशा तहसील में 892 मिमी और सिरोंज में सबसे कम 621 मिमी बारिश हुई है. हलाली, संजय सागर और सगड़ बांध भी काफी खाली हैं और इनसे जिले में सिंचाई के लिए पानी की ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती. ऐसे हालात में प्रशासन ने हलाली से दो और संजय सागर बांध से एक पानी ही देने का फैसला किया है. जबकि कैथन बांध में तो पेयजल के लायक भी पानी नहीं है तो ऐसे में इस बांध से सिंचाई के लिए पानी देने का सवाल ही नहीं उठता.

इसी तरह शमशाबाद का संजय सागर और सगड बांध भी करीब 40-50 फीसदी भर पाया है. इससे भी सिंचाई को एक-एक पानी ही दिया जाना संभव होगा. हलाली बांध भी पूरा नहीं भरा है, फिर भी इससे कुल दो पानी देने का फैसला प्रशासन ने लिया है. संजय सागर बांध से सिंचाई के लिए क्षेत्र के किसानों को एक पानी देने का फैसला प्रशासन ने किया है, वह पानी पलेवा या सिंचाई कहीं पर भी लिया जा सकता है, इससे ज्यादा देने की क्षमता बांध में नहीं है. वहीं सगड़ बांध से कुरवाई शहर के लिए पेयजल दिया जाता है, इससे यहां से भी सिंचाई के लिए पानी कम ही दिया जा सकेगा.