धर्म परिवर्तन कराने की साजिश का खुलासा, मौलवी पहुंचा जेल

गाजियाबाद: झाड़-फूंक से बीमारी के इलाज के नाम पर मौलवी धर्मांतरण करा रहा था। गाजियाबाद के नंदग्राम निवासी महिला की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। महिला का आरोप है कि आरोपी ने पहले उसे हिंदू धर्म की उपासना विधि से दूर किया। इसके बाद उसका और बच्चों को धर्मांतरण करा दिया। पुलिस का कहना है कि अन्य लोगों के धर्मांतरण की बात भी सामने आई है, जिसकी तस्दीक की जा रही है।

नंदग्राम के आश्रम रोड निवासी महिला का कहना है कि वह दाई का काम कर परिवार पालती हैं। कुछ समय से वह बीमार रहने लगीं। इसी दौरान किसी ने मोरटा निवासी मौलवी सरफराज के बारे में बताया। मौलवी झाड़-फूंक से बीमारी के इलाज के दावा करता था। आरोप है कि मौलवी ने झाड़-फूंक से उनका इलाज शुरू किया। इसके बाद उसने ठीक करने की शर्त पर उन पर हिंदू धर्म की उपासना विधि त्यागने का दबाव डाला और घर से भगवान की मूर्तियों को हटवा दिया। झांसे में आकर वह मौलवी के कहे अनुसार कार्य करती रहीं। इसी तरह धीरे-धीरे आरोपी ने उनका और बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया। अन्य लोगों के धर्म परिवर्तन कराने का पता लगने पर महिला ने गुरुवार को पुलिस आयुक्त से कार्रवाई की गुहार लगाई।
एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी गई। पुलिस टीम मोरटा में मौलवी सरफराज के ठिकाने पर गई तो वह वहां दर्जनों महिलाओं की मौजूदगी में झाड़-फूंक करता मिला। मौके पर मौजूद लोगों ने भी बताया कि मौलवी उन्हें भी हिंदू धर्म की उपासना विधि त्यागकर दूसरा धर्म अपनाने का दबाव डालता था। इसके बाद मौलवी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसका भेद खुल गया। एसीपी का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी मौलवी का कारनामा एक साल पहले भी सामने आया था। पीड़िता ने एक नवंबर 2022 को मौलवी पर यही आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने धाराओं में खेल करते हुए धोखाधड़ी में केस दर्ज किया और बाद में वह धारा भी हटा दी। आरोप था कि वर्ष 2019 में उनके गले में कुछ दिक्कत हुई। लंबे इलाज के बाद भी आराम नहीं मिला। इसके बाद किसी के माध्यम से वह मौलवी के संपर्क में आईं। मौलवी ने झाड़-फूंक से इलाज शुरू कर दिया। इलाज के नाम पर करीब 15 लाख रुपये ऐंठ लिए।
जांच में पता चला है कि मौलवी विधवा, तलाकशुदा और बेसहारा महिलाओं को शिकार बनाता था। झाड़-फूंक से इलाज के नाम पर वह धर्मांतरण की शुरुआत करता था। वह कहता था कि हिंदू धर्म के क्रियाकलाप त्यागने के बाद ही उन्हें लाभ मिल सकेगा। इसके बाद दूसरे समुदाय के रीति-रिवाज सिखाता था। अंत में महिलाओं और उनके बच्चों का धर्म परिवर्तन करा देता था।
डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने कहा, ‘धर्मांतरण के आरोप में मौलवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला ने पिछले साल क्या केस दर्ज कराया और पुलिस ने उसमें क्या कार्रवाई की, इसकी जानकारी ली जा रही है।’
पीड़ित महिला का कहना है कि मौलवी के जाल में फंसकर वह घर का सुख-चैन खो चुकी हैं। मौलवी ने वर्ष 2019 से 2022 तक उनसे 15 लाख रुपये ऐंठ लिए। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते बच्चों की पढ़ाई छूट गई और उनकी नौकरी भी नहीं रही।
मामले में और कौन लोग शामिल हैं, इसका पता लगाने के लिए पुलिस मौलवी के मोबाइल का डाटा खंगालेगी। साथ ही, कट्टरपंथी संगठनों से फंडिंग की दिशा में जांच कर रही है। मामले को लेकर एटीएस भी सक्रिय हो गई है।
महिला शिकायत लेकर मधुबन बापूधाम थाने पहुंची तो दरोगा ने जांच के नाम पर टरका दिया। एक दिन थाने में दरोगा ने मौलवी का पक्ष लिया और महिला को फटकार दिया। महिला आठ घंटे तक थाने पर बिलखी, तब जाकर पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन धाराओं में खेल कर दिया। एक नवंबर 2022 को मधुबन बापूधाम पुलिस ने मौलवी के खिलाफ धोखाधड़ी और झाड़-फूंक करने का केस दर्ज किया। बाद में पुलिस ने इस केस में धोखाधड़ी की धारा भी हटा दी। सिर्फ औषधि और चमत्कारिक उपचार अधिनियम की धारा में आरोप-पत्र कोर्ट भेज दिया।
पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद पुलिस टीम द्वारा धर्मपरिवर्तन कराने की साजिश का खुलासा करते हुए 01 अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार ।
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