सबौर में 64 करोड़ से बनेगा नया कृषि कॉलेज

भागलपुर: अब बिहार कृषि विश्ववद्यालय में जल्द ही ‘द्वितीयक कृषि महाविद्यालय’ खुलेगा. यहां पीजी की पढ़ाई होगी. इसका उद्देश्य कृषि से जुड़े उद्योगों और व्यवसाय को बढ़ावा देना है. चौथे कृषि रोड मैप में इस महाविद्यालय की स्थापना की बात कही गई है. इसका मुख्यालय भी बीएयू सबौर ही होगा. इस कॉलेज को बीएयू के ही परिसर में चलाने की योजना है. इस कॉलेज में छह विभाग में पढ़ाई शुरू करने की योजना है.
इसके तहत ‘डिपार्टमेंट ऑफ बेसिक साइंस एंड इंजीनियरिंगस’, ‘एग्री बायो रिसोर्स मैनेजमेंट’, ‘डाउन स्ट्रीम एग्रो प्रोसेसिंग’, ‘एग्रीकल्चर स्ट्रक्चर एंड प्रोसेस इंजीनियरिंग’, ‘ऑटोमेशन एंड प्लांट इंजीनियरिंग’, ‘इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट एंड बिजनेस मैनेजमेंट’विभाग खोलना है. यहां एमटेक की भी डिग्री दी जाएगी. इसमें कितनी सीटों पर नामांकन होगा की फिलहाल चर्चा नहीं की गई है.

इसकी स्थापना करीब 30 हेक्टेयर में होने की योजना है. इसपर पांच साल में करीब एक अरब 64 करोड़ रुपये का खर्च करने की योजना है जिसमें प्रशासनिक भवन, वर्कशॉप, छात्रावास, इन्क्यूबेशन सेंटर, वाहन सहित अन्य यंत्रों पर खर्च होंगे.
प्रसंस्करण, वैल्यू एडीशन को मिलेगा बढ़ावा बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आरके सोहाने ने बताया कि इसके लिए डीपीआर बना ली गई है. इस कॉलेज को जल्द ही शुरू करने की योजना है. इसके लिए कुछ भवन हैं और कुछ और बनाने होंगे. सामान्य कृषि शिक्षा में जैसे उत्पादन बढ़ाने की बात होती है उससे आगे बढ़कर उत्पादों के प्रसंस्करण, वैल्यू एडीशन करने पर काम किया जायेगा. इससे ग्रामीण कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास होगा और अंतत किसानों की आय बढ़ेगी. इस तरह की पढ़ाई से तेजी से रोजगार का सृजन होगा इसमें लोगों को रोजगार मिलने के साथ आय बढ़ेगी.