बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है: कोर्ट

इंदौर: हाईकोर्ट ने भरण पोषण राशि को कम करने के लिए दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बहन व उसके बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है. बीमार मां का सवाल, भरण पोषण की राशि कटने के बाद याचिकाकर्ता के पास पर्याप्त राशि बचती है. जिससे खुद व मां का खर्च उठा सकता है. कहीं भी इस तथ्य का खंडन नहीं किया की कि बीएसएफ जवान उसकी मां की बीमारी की जिम्मेदारी नहीं उठा रही है. दरअसल, संतोष चौरसिया व उसकी पत्नी के बीच विवाद हो गया. पत्नी का आरोप था कि वह मारपीट करता है. इसके चलते घर छोड़ा है. पति का घर छोड़ पिता के घर रहने लगी. उसके बाद कुटुंब न्यायालय में अपने व बच्ची के भरण पोषण के लिए आवेदन दायर किया. कुटुंब न्यायालय ने 10 हजार रुपए पत्नी व 10 हजार रुपए बेटी को भरण पोषण के रूप में दिए. यह राशि संतोष के वेतन से कट जाती है. इस आदेश को संतोष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. उसकी ओर से तर्क दिया कि बीमार मां की देखभाल के लिए उसकी बहन अपने बच्चों के साथ घर पर रह रही हैं. उसे बहन, उसके बच्चे व मां का खर्च उठाना पड़ता है, जिसकी वजह से उसके पास खर्च के लिए पर्याप्त रुपए नहीं बचते हैं.

थाना घेरने पर सपा प्रत्याशी और अध्यक्ष सहित पर केस
बेटे ने थाने में शिकायत करते हुए बताया कि पिता का कहीं पता नहीं लग रहा है. एसपी असित यादव सहित पुलिस प्रत्याशी को खोजने में लग गई. इधर पार्टी व समाज के सैकड़ों लोग थाने पहुंचकर हंगामा करने लगे. बाद में रात साढ़े 8 बजे रविसेन जैन अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे. पुलिस ने आ संहिता का उलंघन करने पर रविसेन, राजू जैन, प्रवीण जैन और बॉबी जैन और नीरज सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुट र्गई है.