जानिए अखंड ज्योति से जुड़े नियम

अखंड ज्योति : पितृपक्ष के समापन के बाद शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आरंभ हो जाएगा। जो कि इस साल 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और समापन 24 अक्टूबर को होगा। इस दौरान भक्त देवी मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा नौ दिनों तक करते हैं मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में देवी साधना करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है और कष्टों में कमी आती है।

नवरात्रि के प्रथम दिन जहां कलश स्थापना का विधान होता है तो वही कई ऐसे भक्त हैं जो कि इस दौरान माता की अखंड ज्योति जलाते हैं कहा जाता है कि बिना अखंड ज्योति के दुर्गा पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है ऐसे में अगर आप भी शारदीय नवरात्रि पर माता को प्रसन्न करने के लिए अखंड ज्योत जला रहे हैं तो आज हम आपको इससे जुड़े वास्तु नियम बता रहे हैं जिनका पालन बेहद जरूरी है।
अखंड ज्योति से जुड़े नियम—
नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा की घर पर कृपा बनी रहती है वास्तु अनुसार ज्योति जलाने के लिए आग्नेय कोण यानी पूर्व दक्षिण की दिशा को शुभ माना गया हैं लेनिक इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
ऐसा करने से माता की कृपा मिलती है। इसके अलावा अगर आप अखंड ज्योति जला रहे हैं तो ऐसे में ज्योति की लौ हमेशा उपर की ओर उठानी चाहिए। ऐसा करने से शुभता आती है। वास्तु अनुसार अखंड ज्योति की लौ अगर उत्तर दिशा में होती है तो इससे धन लाभ की प्राप्ति होती है लेकिन अगर दक्षिण दिशा में इसकी लौ हो तो इससे धन हानि की संभावना बनी रहती है।