विजयादशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, भारत में कुछ लोग हैं, जो…देखें वीडियो

नई दिल्ली: विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्याल नागपुर में स्थापना दिवस और शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुए इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक स्थान दुनिया के महत्वपूर्ण देशों में बन गया है. हमारे खिलाड़ियों ने इस बार एशियाई खेलों में 107 पदक जीते हैं. हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें नंबर से उठकर पांचवे नंबर पर आ गए. सिर्फ तकनीक में नहीं, कृषि और दूसरे क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ रहे हैं.

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हमारे देश में काफी विविधताएं हैं और विविधता में एकता कैसे आएगी इसका कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि कट्टरपन के चलते उन्माद पैदा होता है. युद्ध चलते हैं. उसका कोई उपाय नजर नहीं आता. संघ प्रमुख का इशारा इजरायल और हमास में जारी जंग को लेकर था.
उन्होंने कहा, हमारा देश आगे बढ़ रहा है, आत्मविश्वास बढ़ रहा है. दुनिया को रास्ता दिखाना है तो हमें किसी की नकल नहीं करना है. हमें अपना रास्ता बनाना है. हमें एक यशस्वी प्रयोग दुनिया को देना है. उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि भारत खड़ा हो. अलगाव और टकराव कैसे पैदा हो, वह ऐसा वह प्रयास करते हैं.
ॐ श्री विजयदशमी उत्सव युगाब्द 5125 आश्विन शुद्ध दशमी नागपुर महानगर https://t.co/mt34RZlGfA
— RSS (@RSSorg) October 24, 2023
उन्होंने आगे कहा कि भारत के उत्थान का उद्देश्य सदैव विश्व का कल्याण रहा है. लेकिन, स्वार्थी, भेदभावपूर्ण और धोखेबाज ताकतें अपने सांप्रदायिक हितों की तलाश में सामाजिक एकता को बाधित करने और संघर्ष को बढ़ावा देने के अपने प्रयास भी कर रही हैं. वे तरह-तरह के लबादे पहनते हैं. सांस्कृतिक मार्क्सवादी अराजकता और अविवेक को पुरस्कृत करते हैं, बढ़ावा देते हैं, फैलाते हैं. उनकी कार्यप्रणाली में मीडिया और शिक्षा जगत पर नियंत्रण करना और शिक्षा, संस्कृति, राजनीति और सामाजिक वातावरण को भ्रम, अराजकता और भ्रष्टाचार में डुबाना शामिल है.
संघ प्रमुख ने कहा कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो यह बात ध्यान में आती है कि लगभग एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक यह आपसी फूट की आग कैसे लग गई? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे? अपने अस्तित्व के भविष्य के प्रति आशंकित मणिपुरी मैतेयी समाज और कुकी समाज के इस आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ? वर्षों से वहां पर सबकी समदृष्टि से सेवा करने में लगे संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटने का प्रयास करने में किसका निहित स्वार्थ है? इस सीमा क्षेत्र में नागाभूमि व मिजोरम के बीच स्थित मणिपुर में ऐसी अशांति व अस्थिरता का लाभ प्राप्त करने में किन विदेशी सत्ताओं को रुचि हो सकती है?
उन्होंने कहा कि क्या इन घटनाओं की कारण परंपराओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू- राजनीति की भी कोई भूमिका है? देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है? गत 9 वर्षों से चल रही शान्ति की स्थिति को बरकरार रखना चाहने वाली राज्य सरकार होकर भी यह हिंसा क्यों भड़की और चलती रही? आज की स्थिति में जब संघर्षरत दोनों पक्षों के लोग शांति चाह रहे हैं, उस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठता हुआ दिखते ही कोई हादसा करवा कर, फिर से विद्वेष व हिंसा भड़काने वाली ताकतें कौन सी हैं?
#WATCH नागपुर: गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने RSS विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम में श्लोक गाते हुए कहा, “…तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय, ॐ शांतिः शांतिः शांतिः । यह विश्व की शांति का मंत्र है। हर इंसान की शांति के लिए प्रार्थना। यही हमारा देश है…” pic.twitter.com/QksNAp5FGL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 24, 2023
इस बार कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर मशहूर सिंगर और कंपोजर पद्मश्री शंकर महादेवन को बुलाया. उन्होंने कहा कि हमारी देश की संस्कृति को बचाए रखने में RSS का बहुत बड़ा योगदान है. मैं जब भी किसी कंसर्ट में गाना गाता हूं तो इस बात का ध्यान रखता हूं कि नए बच्चों को अपनी संस्कृति और अपनी जड़ो के बारे में बताऊं. उदाहरण के तौर पर मैं शिव तांडव स्रोत गाना शुरू कर देता हूं. ये ऐसा मंत्र है कि जो भी सुनता है, इसे फील करता है. जब मैं गाने कंपोज करता हूं तो सोचता हूं कि आगे की पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत का दृश्य दिखना चाहिए.
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर साल विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित करता है. इस दौरान हर बार अलग-अलग लोगों को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है. इस कड़ी में ही पिछले साल दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वालीं पूर्व पर्वतारोही संतोष सिंह को बुलाया गया था.
इससे पहले 2021 में आरएसएस ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया था. विजयादशमी के दिन नागपुर में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में बतौर अतिथि मुंबई स्थित तब के इजरायली महावाणिज्य के दूत कोब्बी शोशानी ने कार्यक्रम में शिरकत की थी. बता दें कि हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी. नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही आरएसएस की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाता है.
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: While addressing RSS Vijayadashmi Utsav, RSS Chief Mohan Bhagwat says, “…There are some people in the world and in also India who do not want that India should move forward… They try to create factions and clashes in society. Because of our… pic.twitter.com/P4nXZcEP27
— ANI (@ANI) October 24, 2023