डायन कुप्रथा के मुद्दे पर अधिकारियों से मिले सालखन

झारखण्ड | आदिवासी सेंगेल अभियान के मुख्य संयोजन सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू ने झारखंड के कई अधिकारियों से मुलाकात की. वे ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक रणेंद्र कुमार व झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह से भी मिले.
सालखन ने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट ने 26 सितंबर को राज्य सरकार से डायन प्रथा उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों की एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है, क्योंकि डायन प्रथा के दुष्प्रभाव से अधिकांश निर्दोष आदिवासी महिलाओं के साथ आए दिन प्रताड़ना और हत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं. इसे खत्म करने के लिए सिविल सोसाइटी की भी अहम भूमिका होनी चाहिए. सालखन ने कहा कि इस मामले में न्यायपालिकिा, पुलिस प्रशासन और आदिवासी समाज को मिलकर इसके स्थाई निवारण के लिए कार्य योजना बनाने की जरूरत है. सेंगेल का मानना है कि डायन नहीं होते हैं, बल्कि डायन बनाने वाले होते हैं, जिनकी पहचान कर दंडित करने से डायन प्रथा का उन्न्मूलन संभव है. यह अब अंधविश्वास से ज्यादा आपराधिक षड्यंत्र का मामला बन गया है. इस मामले पर आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों, मांझी-परगना, मानकी-मुंडा सहित अन्य को सहयोग देने की जरूरत है.
