सिर्फ 40% यात्री, प्रदेश की दो वंदे भारत भी हमसे 13% आगे

राजस्थान | उदयपुर से जयपुर के बीच शुरू हुई प्रदेश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन काे गुरुवार काे 18 दिन हाे गए। इनमें से मंगलवार निकाल दिए जाएं तो ये 15 दिन चली है। इस पर लगातार तीसरी बार फिर पथराव हुआ। इससे कोच सी-7 का शीशा फूट गया। ट्रेन जयपुर से लाैट रही थी। इस बीच, ने इस ट्रेन के यात्रीभार का आंकड़ा खंगाला ताे हैरान करने वाली जानकारी सामने अाई। इस ट्रेन में इन 18 दिनाें में औसत यात्रीभार 40 फीसदी रहा है यानी 60 फीसदी सीटें खाली रही हैं।

अगर प्रदेश में चल रही अन्य दो वंदे भारत ट्रेनों की बात करें तो प्रदेश जोधपुर से साबरमती के बीच तीन महीने पहले शुरू हुई वंदे भारत में औसत 47 फीसदी सीटें खाली रहती हैं, जबकि अजमेर-दिल्ली की वंदे भारत में 43 फीसदी। यानी इन दोनों ट्रेनों के यात्रीभार से भी हम 13 फीसदी तक पीछे हैं। अगर उदयपुर से जयपुर के बीच संचालित 8 अन्य ट्रेनों का यात्रीभार देखा जाए तो भी वंदे भारत उनसे 40 फीसदी तक पीछे है। उदयपुर-जयपुर के बीच वीकली व अन्य 4 ट्रेन आती हैं और 4 ट्रेन जाती हैं। इनमें 80% तक यात्रीभार रहता है।
आगामी दिनों की बात की जाए ताे यही स्थिति सामने आ रही है। इसके पीछे किराया ज्यादा हाेना, समय भी अन्य ट्रेनाें से महज 55 मिनट से सवा घंटे कम हाेना, लंबी दूरी के सफर में स्लीपर नहीं हाेना जैसे प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं। इसके अलावा भले ही 55 मिनट कम लग रहे हों, लेकिन वंदे भारत और अन्य ट्रेनों के जयपुर पहुंचने के वक्त में महज 25 मिनट का अंतराल है। बता दें कि पीएम मोदी ने 24 सितंबर को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके अगले दिन से संचालन शुरू हुआ था।