अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया को चीन ने हैरान कर दिया, नासा को जानकर भी हुआ दुख

चीन में अंतरिक्ष में घूमने के लिए अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अगले 3 जापानी दल को लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इस बीच, रविवार को ब्रह्माण्ड की गहराई से जांच के लिए एक नए वास्तुशिल्प उद्यम की योजना की घोषणा की गई। चीनी मानव निर्मित अंतरिक्ष एजेंसी के प्रवक्ता और उप निदेशक लिन ज़िकियांग ने इस संबंध में एक बयान जारी किया। दावे के अनुसार, ज़ंटियन नाम का विशाल टेलीस्कोप चीन के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन द्वारा स्थापित किया जाएगा और यह उसके साथ कक्षा में घूमता रहेगा।

चीन ने लॉन्च किया विशाल टेलीस्कोप!
चीन के सरकारी टीवी चैनल एसआईटी के मुताबिक, इस टेलीस्कोप (China new space Telescope) की शुरुआत के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। यह प्रारंभिक आकाश का सर्वेक्षण और मानचित्रण करने में सक्षम होगा। चीनी मीडिया ने दावा किया है कि चीन पिछले हजारों सार्जेंट से रजिस्ट्री और आर्किटेक्चर पर शोध कर रहा है। आधुनिक समय में भी सैमसंग, स्पेस और विज्ञान में अग्रणी बनी हुई है।
3 अंतरिक्ष यात्रियों को भी लॉन्च किया गया
चीनी मीडिया के अनुसार, तीन अंतरिक्ष यात्री तांग होंगबो, तांग शेंगजी और श्याम शिनलिन को गुरुवार सुबह अंतरिक्ष स्टेशन (चीन न्यू स्पेस टेलीस्कोप) पर जाने के लिए लॉन्च किया जाएगा। वे पिछले 6 महीने से स्टेशन पर मौजूद क्रू की जगह पर हैं। यह गुरुवार सुबह लॉन्च होने की उम्मीद है. इनमें से तांग होंगबो एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। इससे पहले भी उन्होंने साल 2021 में तीन महीने तक अंतरिक्ष मिशन का नेतृत्व किया था.
अमेरिका से प्रतियोगिता करने की योजना
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन काफी समय से अपनी अंतरिक्ष शक्ति (China Space Project) को आगे बढ़ाने की काफी कोशिश कर रहा है. अब वह इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन उद्यम की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही वह अंतरिक्ष में अन्य कोचिंग पर भी तेजी से काम कर रही है। उनका लक्ष्य अंतरिक्ष कार्यक्रम अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना है। इसके साथ ही वह यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका सहित अन्य देशों में भी इस प्रतिद्वंदिता का समर्थन हासिल करना चाहती है।
इस मामले पर अमेरिका से नाराजगी
बता दें कि इससे पहले चीन भी अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रम) का हिस्सा था। परन्तु बाद में उन्हें यह कहानी बाहर निकाल दी गई। अमेरिका की चिंता के पीछे निष्कासन का कहना था कि चीन की सेना इस अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। इस स्टेशन से बाहर जाने के बाद चीन ने बनाया अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन। इसके बाद चीन ने साल 2003 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन भेजा। ऐसा करने वाला था चीन दुनिया का तीसरा देश. इससे पहले यह उपलब्धि केवल पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका ही हासिल कर सकते थे।
वर्तमान समय में अमेरिका टेक्नोलॉजी से आगे है
भू-वैज्ञानिक विशेषज्ञों के अनुसार, क्रिस्टोफर चेन, तकनीकी क्षमता और खर्च के मामले में अमेरिका की औकात चीन से आगे है। हालाँकि, कंपनी इसे सीक्वल क्लैश देने की कोशिश कर रही है। इस दशक में पहली बार मून की सतह से वापस मंगाया गया (चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रम) और मून के कम-अन्वेषित रिमोट पार्ट पर एक रोवर लॉन्च हो रहा है।
अमेरिका फिर चांद पर इंसान भेजागा
इस बीच अमेरिका भी अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को फिर से धार देने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने स्पेसएक्स और ब्लू ओरिजिन जैसे निजी क्षेत्र की मदद से वर्ष 2025 तक मून पर फिर से मानव मिशन मिशन की घोषणा की है। ऐसा करके वह चीन और भारत सहित अपने पोर्टफोलियो से आगे बढ़ना चाहती है।
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