निशाना साधने की शर्त, VIP ट्रेनों के तोड़ते थे शीशे, पुलिस के हत्थे चढ़े 3 नाबालिग

कानपुर: शरारती सोच और निशाना साधने की शर्त के चलते कानपुर के तीन नाबालिग पुलिस की गिरफ्त में आ गए. पकड़े गए तीनों नाबालिग कानपुर के पनकी स्टेशन से गुजरने वाली वीआईपी ट्रेनों पर तोड़फोड़ करते थे. ये तीनों नाबालिग आपस में ही वीआईपी ट्रेनों पर पत्थर फेंककर शीशा तोड़ने की शर्त लगाते थे. कई दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने इन तीनों शरारती लड़कों को पकड़ लिया है. तीनों आरोपी सचेंडी के देशा मऊ गांव से गिरफ्तार किए गए हैं. किशोरों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां उन्हें बाल संरक्षण गृह के लिए भेज दिया गया है.

बता दें कि 3 अक्टूबर को लखनऊ-दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस और 7 अक्टूबर को दूरंतो एक्सप्रेस में इन्हीं शरारती नाबालिगों ने पत्थरबाजी करके उसके शीशे से चकनाचूर कर दिए थे. इस मामले के बाद के पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. इन दोनों घटनाओं का रेलवे बोर्ड ने अपने संज्ञान में ले रखा था. इसके चलते पुलिस इस पूरे मामले पर कड़ाई से कार्रवाई कर रही थी.
इसके पहले भी इसी रूट में पनकी के पास ही कई ट्रेनों के शीशे तोड़े जा चुके थे. इन्हीं नाबालिगों ने पत्थरबाजी कर ट्रेन की खिड़कियों के शीशे तोड़ थे. पुलिस ने घटना के बाद मिले सुराग के आधार पर इन किशोरों को चिन्हित कर पकड़ा है.
रेलवे एक्ट के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
इस पूरे मामले पर पनकी थाना इंस्पेक्टर सत्येंद्र यादव ने बताया कि तीनों किशोर ने घटनाओं को कबूल कर लिया है. तीनों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद इन्हें प्रयागराज के बाल न्यायालय में पेश करा गया. जहां से उन्हें बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया है.
तीनों नाबालिगों ने जुर्म को कबूला
किशोरों ने पूछताछ में बताया कि वह रोजाना भैंस चराने और तालाब में सिंघाड़े की खेती देखने जाया करते थे. इस दौरान वह रेलवे की पटरी के किनारे बैठते थे. आपस में शर्त लगाकर ट्रेनों के शीशे तोड़ने का काम करते थे. शीशा टूट जाने पर शर्त पूरी करने वाले को उसकी मर्जी का खिलाया-पिलाया जाता था. तीनों युवक बरी-बरी से कई बार शर्तें लगाकर ट्रेनों के शीशे तोड़ चुके हैं. तीनों नाबालिगों ने पकड़े जाने के बाद कई ट्रेनों के शीशे तोड़ने की बात भी स्वीकार की है.