केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ली प्रेसवार्ता, देखें VIDEO…

रायपुर। धान खरीदी और केंद्रीय पूल में चावल की मात्रा को लेकर चल रही सियासी घमासान में आज एक नई कड़ी जुड़ गई। अचानक छत्‍तीसगढ़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय पूल में लिए जाने वाले चावल के मामले में राज्‍य सरकार पर झूठ बोलने और प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया। गोयल ने 2019 में छत्‍तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच हुए एक समझौते का उल्‍लेख करते हुए बताया कि इसमें साफ-साफ लिखा है कि राज्‍य सरकार जिनता धान खरीदेगी और उसका चावल बनाकर देगी उतना केंद्र सरकार लेगी। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य की कांग्रेस सरकार को हार सामने दिख रही है इस वजह से वह लोगों को भ्रमित कर रही है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि राज्‍य के मुख्‍यमंत्री और सरकार चावल और बारदाना के मामले में झूठ बोल रही है। उन्‍होंने बताया कि 2022-23 में राज्‍य सरकार ने पहले 61 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में देने की बात कही थी, बाद में उसे घटाकर 58.65 लाख टन कर दिया। इस 58.65 लाख टन में से भी 13 सितंबर की स्थिति में राज्‍य सरकार केवल 53 लाख टन चावल ही एफसीआई में जमा कर पाई है, जबकि चावल जमा करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हर साल राज्‍य सरकार चावल जमा करने की समय सीमा बढ़वाती है, क्‍योंकि समय पर आपूर्ति नहीं कर पाती है।
केंद्रीय मंत्री ने चुनौती देते हुए कहा कि राज्‍य सरकार चाहे तो पिछले साल के 58.65 लाख टन के स्‍थान पर इसी वर्ष 61 लाख टन चावल दे हम लेने को तैयार है। इसी तरह नए वर्ष में 2023-23 में 81 नहीं 100 लाख टन चावल दे वह भी हम लेंगे, लेकिन राज्‍य सरकार यह चावल देगी कहां से। गोयल ने राज्‍य सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट और राज्‍य के खाद्यय सचिव के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि राज्‍य सरकार खुद स्‍वीकार कर रही है कि पिछले वर्ष के 138 लाख टन की तुलना में इस वर्ष 136 लाख टन ही धान का उत्‍पादन होगा। गोयल ने कहा कि जब धान का उत्‍पादन ही कम हो रहा है तो राज्‍य सरकार कैसे केंद्रीय पूल में ज्‍यादा चावल दे सकती है।
गोयल ने बताया कि यह सही है कि पहले राज्‍य से 81 लाख टन चावल लेने की बात हुई थी, उसके हिसाब से बारदाना का आर्डर भी दिया गया था, लेकिन जब यह देखा गया कि राज्‍य सरकार पिछले साल का चावल अब तक नहीं दे पाई है और इस वर्ष भी उत्‍पादन घट रहा है तो चावल की मात्रा 61 लाख टन कर दी गई और उसी हिसाब से बारदाना भी कम किया गया है। उन्‍होंने कहा कि हम चावल लेने का अनुमानित लक्ष्‍य के साथ ही बारदाना की सप्‍लाई भी बढ़ा देंगे, लेकिन राज्‍य सरकार पहले यह बता दें कि वह चावल कहां से और कैसे देगी।
गोयल ने राज्‍य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इमसें बड़े भ्रष्‍टाचार की आशंका दिख रही है। ऐसा लग रहा है कि राज्‍य सरकार चावल का टारगेट बढ़ाकर आसपास के राज्‍यों या बिचौलियों के जरिये चावल लेकर वह केंद्रीय पूल में जमा करके अपने लोगों को फायदा पहुंचाना चाह रही है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि हाल ही में मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने मुझे एक पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि इस वर्ष राज्‍य सरकार पिछले वर्ष की तुलना में लगभग डेढ़ गुना चावल केंद्र सरकार को देगी। उन्‍होंने बताया कि सीएम के इस पत्र के बाद मैंने रिकार्ड व 3 अगस्‍त 2023 का यहां के खाद्य सचिव का पत्र देखा। तो मालूम पड़ा कि पिछले वर्ष 2022-23 में 138 लाख टन धान उत्‍पादन होना था (Paddy in Chhattisgarh) वह घटकर 136 लाख टन होने वाला है। पिछले वर्ष हम 61 लाख टन देने की बात कही थी, अब पत्र लिखकर 86 लाख टन देने की बात कर रहे हैं।
इसके बाद हम और गहराई में गए। पिछले वर्ष उन्‍होंने 61 लाख टन देने की बात कही। बाद में घटाकर 58.65 लाख टन ही चावल कराया। आज की स्थिति में 13 सितंबर तक 53 लाख टन चावल ही दे पाई है। 30 सितंबर को समय खत्‍म होने जा रहा है। वैसे तो हर वर्ष समय बढ़ा देते हैं इसमें कोई हिचकिचाहट नहीं होती। समय बढ़ाने के बाद भी नहीं दे पाते हैं। गोयल ने कहा कि उत्‍पादन इस वर्ष घटा है, यह दिखता है कि कैसे सीएम छत्‍तीसगढ़ की जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी तरह झूठ और फरेब कर रहे हैं। असत्‍य बोल रहे हैं।
हमने राज्‍य सरकार की वेबसाइट देखी, सीएम कह रहे हैं कि धान खरीदी 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ करेंगे करेंगे। मैंने सीजी की कृषि विभाग की वेबसाइट देखी। उस पर भी जो आउटपुट बता रहा है, वो चावल का आउटपुट 2022-23 का 20.9 क्विंटल प्रति एकड़ उत्‍पादन हो रहा है तो 66 प्रतिशत चावल होता है। 13 क्विंटल चावल हुआ 15 क्विंटल भी नहीं है तो 20 क्विंटल कैसे करेंगे। 13 क्विंटल प्रति एकड़ का औसत बनता है। उससे मुझे लगा कि दाल में कुछ काला है। ध्‍यान में आया कि या तो राजनीति चल रही है या भ्रष्‍टाचार चल रहा है। आसपास से चावल लेकर पैसा खाने की स्‍कीम है। स्‍कैंडल करने जा रहे हैं। और इसकी पुष्टि के लिए और एक प्रमाण हमारे सामने आया कि पिछले वर्ष धान खरीदी 107 लाख टन (Chhattisgarh Paddy Procurement) खरीदी की। उसमें से 20 लाख राज्‍य सरकार के लिए रख लिया, सिर्फ 87 लाख टन केंद्र के खाते में डाला।
गोयल ने कहा कि 30 लाख टन का फर्क है इसमें कुछ न कुछ घोटला करने जा रही है राज्‍य सरकार, लेकिन अब पर्दाफाश हो गया है। उन्‍होंने 2022 और 2023 में राज्‍य के सचिवों के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि 12 सितंबर 2022 को हुई बैठक में छत्‍तीसगढ़ से का 61 लाख टन सहित देशभर से 518 टन चावल लेने का लक्ष्‍य था। इस वर्ष सीजी का 61 लाख है और पूरे देश का 521 टन लक्ष्‍य है। गोयल ने कहा कि छत्‍तीसगढ़ ने पिछले वर्ष का वादा पूरा नहीं किया है।
छत्‍तीसगढ़ चावल जमा करने के लिए टाइम बढ़ाते जाता है और नया धान आता तो उससे चावल बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया जाता है। इसे बैंकिंग की भाषा में टीमिंग एंड लिडिंग कहते हैं। जेब तो खाली है जो भविष्‍य का पैसा आना है उसके आधार पर वादा करके खर्च कर देते हैं। सीजी की यह सरकार इस तरह से भ्रमित करती है। उन्‍होंने कहा कि इस मंच से किसाना भाई बहनों को बताना चाहता हूं कि राज्‍य सरकार इस वर्ष पूरा चावल तुरंत एफसीआई को भेजे। और अगले वर्ष भी जिनता राज्‍य में चावल बनाकर देगी एमओयू के क्‍लास के हिसाब से शत प्रतिशत चावल हम लेंगे। उन्‍होंने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने 9 वर्षों में धान की एमएसपी 800 रुपये बढ़ाया है।
गोयल ने बताया कि यूक्रेन युद्ध के कारण फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं, यह पूरा भार केंद्र सरकार ने अपने ऊपर लिया है। यह कांग्रेस और यूपीए की तरह नहीं है कि खाद्य के लिए किसानों को प्रदर्शन करना पड़े। हमारी कोई मंशा नहीं है कि किसानों को भ्रमित किया जाए, भूपेश बघेल जी की तरह। केंद्र सरकार राज्‍यों को पूरा खाद्य पहुंचाती है। गोयल ने कहा कि रास्‍ते में मैंने देखा कि होर्डिंग लगा रखा है कि 2500 हजार रुपये में धान खरीद रहे हैं। यह बात पूरी तरह गलत है। राज्‍य सरकार ने केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि का कॉपी किया। केंद्र का 6 हजार रुपये हर किसान को मिलता है, चाहे वह धान की खेती करे या किसी अन्‍य का। राज्‍यों के लिए किसानों की योजना का हम स्‍वागत करते हैं।
बघेल को किसानों से और जनता से माफी मांगनी चाहिए। बारदना को लेकर उन्‍होंने बताया कि 86 लाख टन के हिसाब से जूट कार्पोरेशन को आर्डर दिया गया था, लेकिन जब पिछले साल का 53 टन भी नहीं आया है। इनकी 61 लाख टन चावल देने की क्षमता नहीं है। गोयल ने कहा कि पहले पिछले वर्ष का 61 लाख और उसका पूरा हिसाब दें, तो अगले वर्ष 81 नहीं 100 लाख टन दे केंद्र सरकार खरीदने को तैयार है। उन्‍होंने कहा कि मैं चुनौती देता हूं, भूपेश बघेल जनता से झूठ और भ्रमित करने का काम किया। झूठ बोलकर अपना दामन को बचाना चाहते हैं।


R.O. No.12702/2
DPR ADs

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
रुपाली गांगुली ने करवाया फोटोशूट सुरभि चंदना ने करवाया बोल्ड फोटोशूट मौनी रॉय ने बोल्डनेस का तड़का लगाया चांदनी भगवानानी ने किलर पोज दिए क्रॉप में दिखीं मदालसा शर्मा टॉपलेस होकर दिए बोल्ड पोज जहान्वी कपूर का हॉट लुक नरगिस फाखरी का रॉयल लुक निधि शाह का दिखा ग्लैमर लुक