ईडी ने करोड़पति को भेजा समन, इस मामले में कसा शिकंजा

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में शंघाई स्थित अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को समन जारी किया है। अधिकारियों ने कहा है कि नेविल रॉय सिंघम को समन विदेश मंत्रालय (एमईए) के माध्यम से भेजा गया है। इस केस की जानकारी रखने वालों ने यह भी कहा है कि समन भेजने के इसी तरह के प्रयास को पिछले साल चीन ने रोक दिया था।

दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि आरोपी व्यक्ति भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, असंतोष पैदा करने और देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने की साजिश रच रहा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पोर्टल द्वारा विदेशी फंडिंग कानून के उल्लंघन की जांच के लिए 7 अक्टूबर को मामला दर्ज करने के बाद न्यूजक्लिक के कार्यालय परिसर पर छापा मारा।
सिंघम को पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, पुरकायस्थ और जेसन फेचर के साथ सीबीआई की एफआईआर में आरोपी के रूप में शामिल गया है। यह आरोप लगाया गया है कि न्यूजक्लिक को एफसीआरए प्रावधानों का उल्लंघन करके चार विदेशी संस्थाओं के माध्यम से लगभग 28.46 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ। सिंघम द्वारा न्यूजक्लिक की फंडिंग की जांच आयकर विभाग के अलावा सीबीआई, ईडी और दिल्ली पुलिस द्वारा भी की जा रही है।
न्यूजक्लिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उसने कभी भी किसी चीनी कंपनी या व्यक्ति के आदेश पर कोई समाचार या जानकारी प्रकाशित नहीं की है। सिंघम से कोई भी निर्देश लेने के आरोपों को खारिज कर दिया। पोर्टल ने एक बयान में कहा, “न्यूजक्लिक को प्राप्त सभी फंडिंग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है।”
दिल्ली पुलिस की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों में मुद्दों को भड़काने के लिए पीपुल्स एलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म नामक एक समूह के साथ साजिश रची और श्याओमी और वीवो जैसी चीनी कंपनियों ने साजिश को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी धन जुटाने के लिए शेल कंपनियों को शामिल किया।
गुप्त सूचनाओं का हवाला देते हुए यह भी दावा किया गया है कि भारतीय और विदेशी संस्थाओं ने अवैध रूप से करोड़ों रुपये की धनराशि का निवेश किया। पुलिस ने इसे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, असंतोष पैदा करने और देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने की साजिश करार दिया।
दिल्ली पुलिस ने चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाते हुए एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और सिंघम को भी इस केस में शामिल किया है। पुरकायस्थ के साथ नवलखा के संबंध पर एफआईआर में दावा किया गया है कि वे 1991 से एक-दूसरे को जानते हैं। एफआईआर में पुरकायस्थ, नेविल और कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों के बीच ईमेल का हवाला दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि वे यह दिखाने के अपने इरादे को उजागर करते हैं कि अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर भारत के हिस्से नहीं हैं।