पीड़ित युवाओं का दमन और शोषण: सुरजेवाला

चंडीगढ़। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा वेटनरी सर्जन के 383 पदों के लिए दस माह पहले 15 जनवरी, 2023 को आयोजित भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और हेराफेरी के आरोपों के चलते रद्द होने पर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और एचपीएससी की कार्यप्रणाली को आड़े हाथों लिया है। सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल का 9 वर्ष का शासनकाल भर्तियों के दलालों का स्वर्णकाल और युवाओं के लिए अभिशाप बन चुका है। उन्होंने पूछा कि दस माह बाद रद्द की गई परीक्षा को लीक करने वाला एक भी अभियुक्त क्यों नहीं पकड़ा गया और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया गया? रणदीप ने खुला ऐलान किया कि खट्टर साहब घोटालेबाजों को बचाने के लिए चाहे जितना ज़ोर लगा लें लेकिन, जिस दिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी हम पहली कलम से इनके सभी भर्ती घोटालों और पेपर लीक की जांच करवाकर घोटालेबाजों व उनके संरक्षकों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे। रणदीप ने आरोप लगाया कि एचपीएससी से लेकर एचएसएससी तक प्रदेश में सब जगह भर्तियों की मंडी चल रही है। अपने भर्ती घोटालों के कारण खट्टर साहब का एचपीएससी अब प्रदेश के युवाओं के बीच ‘हेरा फेरी सर्विस कमीशन’ के नाम से कुख्यात हो चुका है लेकिन, खट्टर साहब हैं कि इतना कुछ होने के बाद भी पारदर्शिता के झूठे नारे लगाकर प्रदेश के युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने से बाज नही आ रहे।

प्रदेश का युवा पहले परीक्षा शुल्क के रूप में एचपीएससी की 1000 रुपये फीस देता है, उसके बाद कोचिंग संस्थानों की महंगी फीस तथा होस्टल का खर्च भुगतता है। पढ़ाई तथा कोचिंग पर लाखों रुपया और ज़िंदगी की युवावस्था का सबसे सुनहरा समय खर्चने के बाद प्रदेश का युवा जब तक भर्तियों की परीक्षा देकर घर पहुंचता है उससे पहले पेपर लीक होने की खबरें उसके मोबाइल फोन पर आनी शुरू हो जाती हैं। खट्टर साहब के राज में प्रदेश में भर्तियों की मंडी चल रही है लेकिन, गरीब-किसान-मजदूर का बच्चा नौकरियां खरीदने के लिए करोड़ों रुपये कहाँ से लाए? मजबूरी में उसे कोर्ट का रुख करना पड़ता है क्योंकि खट्टर साहब तो शिकायत करने पर अपने जन संवाद कार्यक्रम में सीधे पुलिस से उठवा देने की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि कई-कई वर्षों तक कोर्ट में भर्तियों के मुकदमे लटके रहते हैं और युवा बेचारे लुटते-पिटते रहते हैं। यही है खट्टर साहब का मनोहरकाल जिसमे भर्तियों के दलाल मालामाल हैं, हाईकोर्ट के वकील खुशहाल हैं और प्रदेश का युवा बेरोजगारी के कारण बेहाल है। रणदीप ने याद दिलाया कि वेटीनरी सर्जन की भर्ती का घोटाला कोई पहला उदाहरण नहीं है। पिछले 9 साल में नायब तहसीलदार से लेकर डेंटल सर्जन और एचसीएस तक कोई भर्ती ऐसी नही बची है जिस पर घोटाले का कलंक ना हो। एचपीएससी और एचएसएससी की 40 से ज्यादा भर्तियों के पेपर पिछले 9 साल में लीक हो चुके हैं लेकिन, किसी भी घोटाले में असली घोटालेबाजों पर कार्रवाई नही हुई। खट्टर सरकार ने हर मामले में जांच के नाम पर लीपापोती करके सरकार की बड़ी मछलियों को बचा लिया और आनन फानन में रिजल्ट घोषित करके जॉइनिंग दे दी। खट्टर साहब को पूरे हरियाणा में आज तक एक भी हरियाणवी ऐसा नही मिला जिसको एचपीएससी का चेयरमैन बना सकें।
रणदीप ने कहा कि मौजूदा चेयरमैन आलोक वर्मा ने तो सीधे मुख्यमंत्री के संरक्षण में निर्लज्जता व अनियमितताओं की हद ही कर रखी है। वेटीनरी सर्जन, डेंटल सर्जन से लेकर एचसीएस तक हर भर्ती में एक के बाद एक घोटाले और उसके बाद प्रदेश से बाहर के लोगों की भर्ती। एचपीएससी को आरएसएस और एबीवीपी के लोगों की शाखा बनाकर रख दिया गया है जहां कुछ भी पारदर्शी नही है सिवाय खट्टर साहब के पारदर्शिता के जुमलों के। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता तो व्यापमं घोटाले के दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए अपना मत दे चुकी है। अब ज़िम्मेदारी हरियाणा के युवाओं के कंधों पर है। हरियाणा का युवा अब इन भर्तियों के दलालों को दंडित करने के लिए कमर कस चुका है। ये प्रदेश के युवाओं का संघर्ष ही है जो 11 महीने के बाद आखिरकार एचपीएससी को वेटीनरी सर्जन की भर्ती रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा अन्यथा सरकार तो तीन स्तरों पर लीक इस भर्ती परीक्षा को बचाने के लिए कोर्ट में अपने सभी संसाधन झोंके हुए थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिकारों की इस लड़ाई में प्रदेश के युवाओं के साथ खड़ी है।