क्या प्रेगनेंसी में हल्दी वाला दूध पीना चाहिए या नहीं

इसे फायदेमंद माना जाता है. हल्दी कई गुणों से भरपूर एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे आपकी सेहत के लिए लाजवाब बनाते हैं। केसर का सेवन करने से शरीर को कई फायदे हो सकते हैं। सर्दियों के दौरान अगर हल्दी को अपनी डाइट में शामिल कर लिया जाए तो आप प्रदूषण और ठंडी हवाओं से बच सकते हैं। यही कारण है कि सर्दियों में केसर के लड्डू, केसर का दूध और केसर से बनी कई चीजों का सेवन किया जाता है. अक्सर केसर वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन अक्सर यह पूछा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को केसर वाला दूध पीना चाहिए या नहीं। आइए जानते हैं विशेषज्ञों के जवाब

गर्भावस्था के दौरान हल्दी वाला दूध फायदेमंद है या हानिकारक?
हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। वहीं, दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है। हल्दी में पाया जाने वाला यौगिक करक्यूमिन दूध में घुलने के बाद सक्रिय हो सकता है और स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान हल्दी और दूध फायदेमंद हो सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए हल्दी वाला दूध पीना पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। उदाहरण के लिए, हल्दी वाला दूध दिन में केवल एक बार ही पीना चाहिए। दूध में ज्यादा हल्दी मिलाना भी नुकसानदायक हो सकता है.
दूध में केसर कितना मिलाना चाहिए?
अगर गर्भवती महिलाएं हल्दी वाला दूध पीती हैं तो उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए। ऐसा करने से आप “प्री-एक्लेमप्सिया” की स्थिति से बच सकते हैं। लेकिन अगर आप गलती से बहुत अधिक केसर वाला दूध या बहुत अधिक केसर वाला दूध पी लेते हैं, तो इससे गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव हो सकता है। इसलिए केसर वाला दूध डॉक्टरी सलाह के बाद ही पीना चाहिए।
हल्दी वाला दूध कब पीना चाहिए?
सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से कई फायदे होते हैं। इससे तनाव कम होता है और रात में अच्छी नींद आती है, जिससे आप पूरे दिन एक्टिव रहते हैं। रात को हल्दी वाला दूध पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है और सूजन या पेट में गैस की समस्या कम हो जाती है। इतना ही नहीं इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी तेजी से बढ़ती है।
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