आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस व डाटा लर्निंग पाठ्यक्रम होंगे शुरू

शिमला। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अगले सत्र से सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है। इसके तहत तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस और डाटा लर्निंग आदि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम शुरू होंगे। वीरवार को मुख्यमंत्री ने विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) के उद्घाटन अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी पढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हर विधानसभा क्षेत्र में 4 अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा की थी लेकिन सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी शुरू की जाएगी।

सीएम ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से कई गुणात्मक सुधार किए जाएंगे, जिसके लिए अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का सहयोग आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना शिक्षकों की पहली जिम्मेदारी है। राज्य सरकार का लक्ष्य ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है, जहां सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गौरवान्वित महसूस करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे नवोन्मेषी सुधारों में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भी भेजा जाएगा। इस अवसर पर प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष कोहली और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

विद्या समीक्षा केंद्र, स्विफ्ट चैट पर संवादात्मक एआई चैटबॉट की विविध श्रृंखला डिजिटल मित्र की तरह काम करेगी, जो विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, शिक्षकों की सहायता और प्रशासकों के लिए मूल्यवान डाटा उपलब्ध करवाएगा। यह जिलों, खंडों और स्कूलों के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इससे विद्यार्थियों की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और समग्र स्कूल प्रदर्शन से संबंधित डाटा उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि वास्तविक समय में प्रतिक्रिया और सुधारात्मक सुझाव के आधार पर शिक्षक शिक्षण संबंधी रणनीतियों में बदलाव कर सकेंगे, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी को सीखने के अवसर प्राप्त होंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षण प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना को भी साकार करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र में राज्य उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा और विद्या समीक्षा केंद्र इस दिशा में मील पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 6000 शिक्षकों के पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की है और बैचवाइज भर्ती की प्रक्रिया भी जारी है। कान्वे जीनियस ग्रुप के अध्यक्ष शशांक पांडे ने कहा कि हिमाचल विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दृष्टि से संवादी एआई को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य एडटैक को तेज, स्मार्ट और सरल बनाना है ताकि दुर्गम क्षेत्रों तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए स्कूल खोले लेकिन सुविधाएं और आधारभूत ढांचा सृजित नहीं किया, जिससे गुणात्मक शिक्षा के स्तर में गिरावट आई। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने 900 स्कूल बंद कर दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए इस क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठनों में शामिल शिक्षक राजनीति के बजाय बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि अच्छे परिणाम लाने वाले शिक्षकों को सरकार सम्मानित करेगी।


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