पैसों के लिए बच्चे का किया गया कत्ल

कानपूर: कुशाग्र के चाचा सुमित कनोडिया ने तीनों हत्यारोपितों के लिए फांसी की मांग की है. कहा कि यह फिरौती के लिए कत्ल का मामला है. जिसमें पुलिस से पहले हमारा परिवार ही हत्यारों तक पहुंच गया. हमले लोकेशन ढूंढ़ ली. नों को पुलिस तक पहुंचाया. सारी कहानी साफ है पर न जाने क्यों इसमें आशनाई की बात आगे कर दी गई. तीनों दरिंदों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि जब कुशाग्र कोचिंग के लिए निकला था तो उसके मोबाइल की आखिरी लोकेशन शाम 5.34 बजे सिंह इंजीनियरिंग कैम्पस जीटी रोड जरीब चौकी पर दिखा रही थी. उसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया था. रचिता की स्कूटी का पता चलते ही वह भी परिजनों के साथ रचिता फिर प्रभात के घर तक पहुंचे थे. कानपुर में बड़े भाई मनीष कनोडिया का कारोबार संभालने वाले सुमित ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि प्रभात शुक्ला के परिवार के लोग भी इस घटना में शामिल थे. उनपर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस को विवेचना में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. चाचा सुमित ने कहा कि कुशाग्र की चार दिन की कॉल डीटेल उनके पास है. जिसमें उसने सिर्फ अपने मित्रों और स्कूल का वाहन चलाने वाले चालक से बात की है.
ऐसा क्या कहा जो छात्र सीधे कोठरी में चला गया

फुटेज में प्रभात आगे और कुशाग्र उसके पीछे हेलमेट लगाकर जाते दिखा है. नों कोठरी में दाखिल होते हैं और इस दौरान प्रभात दरवाजा बंद करने के साथ लाइट भी बंद करता है. सवाल यह है कि जिस कोठरी में सिर्फ गद्दा और तकिया और पंखा लगा था उसमें कुशाग्र प्रभात के साथ जाने के लिए राजी कैसे हुआ.
पहले से बना रखी थी योजना प्रभात ने योजना पहले से बना रखी थी. यही कारण था कि उसकी कोचिंग जाने वाले समय पर वह उसे जरीब चौकी पर मिला. मगर उससे पहले उसने कोठरी में गद्दा तकिया कम्बल और पंखा आदि का इंतेजाम कर लिया था. पुलिस ने शाम 4.35 बजे के बाद (कुशाग्र का आना) तक का फुटेज देखा. जो लोग कोठरी में पहले या बाद में गए हैं, उनसे भी पूछताछ की जाएगी.