आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार

नोएडा: नोएडा-ग्रेनो में औद्योगिक भूखंड आवंटन को लेकर नई नीति लगभग तय कर ली गई है. इससे आईटी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. इस नीति में सनराइज सेक्टर का नया कांसेप्ट शामिल किया गया है. इसका मकसद एक ही तरह के उद्योग के क्लस्टर डेवलेपमेंट को बढ़ावा देना है.
नई नीति में यह बदलाव भी हुआ है कि अब चार हजार वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों का आवंटन ड्रॉ के बजाए साक्षात्कार और अन्य मानकों पर होगा. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि सनराइज सेक्टर सूचना प्रौद्योगिकी को कहा जाता है. इसे अंग्रेजी में आईटी सेक्टर के नाम से जाना जाता है. इस कांसेप्ट से आईटी सेक्टर को बूम मिलेगा. वहीं चार हजार वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों का आवंटन भी अब साक्षात्कार के जरिए होगा. अभी तक ड्रा के जरिए हो रहा था. मानकों को तय करने को लेकर बीते शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में इसको लेकर चर्चा हुई थी.

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि पहले जिले के तीनों प्राधिकरण में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन ई-निलामी से हो रहा था. शासन ने इस व्यवस्था को इस साल जुलाई में समाप्त कर दिया था. औद्योगिक विकास आयुक्त ने पत्र जारी कर ई-नीलामी को हटा दिया था. इसके बाद नई पॉलिसी बननी थी. तय हुआ था कि इस नई पॉलिसी में साक्षात्कार समेत आवेदन के अन्य मानक रखे जाएंगे. इसके बाद नोएडा और ग्रेनो प्राधिकरण ने इसका ड्रॉफ्ट बनवाया. इसके साथ ही शासन स्तर पर भी वर्कआउट करवाया गया. इसमें भूखंड आवंटन के 100 नंबर रखे गए. बाकी कंपनी की मौजूदा स्थिति, निवेश, कैश फ्लो, रोजगार के मौके, देनदारी, एफडीआई समेत अन्य मानक रखे गए हैं. अब यह मानक भी तय हो गए और कौन से मानक पर कितने नंबर दिए जाने हैं यह भी तय हो गया है. कंपनी अगर फॉर्च्यून या फोर्ब्स की सूची में शामिल है तो उसे आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी.
प्राधिकरण जल्द योजना लाएगा
अधिकारियों का कहना है कि ग्रेनो की तर्ज पर नई भूखंड आवंटन नीति लगभग फाइनल हो गई है. शासन ने नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण को नई नीति के आधार पर भूखंड आवंटन योजना लाइन के लिए ब्रोशर तैयार करने के निर्देश दिए हैं. पहले चरण में प्राधिकरण करीब 12 भूखंड की योजना लाने की तैयारी में है.