पटना : भगवान कृष्ण के पुत्र ने कराया था इस प्रसिद्ध सूर्य मंदिर का निर्माण

पटना : पटना के दुल्हिन बाजार स्थित उलार सूर्य मंदिर में छठ के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। यहां के सूर्य मंदिर का इतिहास द्वापर काल से है। द्वापर काल में भगवान श्री कृष्ण के पुत्र महाराजा शाम्ब ने कुष्ठ रोग निवारण के लिए इसका निर्माण करवाया था। सिद्धांत है कि भारतवर्ष में 11 स्थान और पाकिस्तान में एक स्थान पर सूर्य मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पुत्र राजा शाम्ब ने द्वापर युग में किया था। 12 राशियों के 12 स्थानों पर सूर्य मंदिर के निर्माण का प्रमाण शम्ब पुराण में इतिहास के खंडों में अंकित है।

महर्षि गर्ग के श्राप से राजा शाम्ब को कुष्ठ रोग हो गया
सिद्धांत है कि भगवान श्री कृष्ण के पुत्र राजा शाम्ब को उनकी सुंदरता काफी घमंडी थी। एक बार वे कुछ युवतियों के साथ एक झील में नहा रहे थे। बताया जाता है कि उसी रास्ते से महर्षि गर्ग गुजर रहे थे। महर्षि गर्ग को देखकर राजा शाम्ब ने ना तो उनका नामकरण किया और ना ही उनका निष्कासन हुआ। इससे महर्षि गर्ग काफी क्रोधित हो उठे और उन्होंने राजा शंब को श्राप दे दिया। महर्षि गर्ग के श्राप से राजा शाम्ब को कुष्ठ रोग हो गया। इससे वे काफी रहने लगे।

12 अलग-अलग स्थानों पर सूर्य मंदिर का निर्माण
कहा जाता है कि एक बार नारद मुनि के दर्शन राजा शाम्ब को मिले थे। राजा शाम्ब के इस विचित्र रूप को देखकर ही नारद मुनि काफी दुखी हो गए और उनके कारण विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई। पूर्ण व्यथा श्रवण के बाद उन्होंने राजा शाम्ब को इस श्राप से मुक्ति दिलवाने का वचन दिया। नारद मुनि ने भगवान श्री कृष्ण के पास जाकर उनके दर्शन के लिए निवेदन किया कि आप इस श्राप से मुक्ति का मार्ग प्राप्त करें। तब भगवान श्रीकृष्ण ने कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए सार्क द्वीप से वैध के साथ-साथ सूर्य उपासक ब्राह्मणों को वहां बुलाया। वहां के ब्राह्मणों ने कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए उन्हें हर माह एक वर्ष तक 12 अलग-अलग स्थानों पर सूर्य मंदिर का निर्माण कर 12 चिन्हों के आधार बनाकर पूजा-अर्चना करने की सलाह दी। इसके बाद राजा शाम्ब ने 12 स्थानों पर 12 राशियों के आधार पर सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया। यह सभी 12 सूर्य मंदिर 12 स्थानों पर आर्क स्थान के रूप में प्रतिष्ठित है।

1.ओलार्क (उलार) – दुलहिन बाजार, पटना
2.कोनार्क-चंडीगढ़
3.देवार्क (देव) – स्तोत्र
4.पुण्यार्क- पण्डारक
5.गार्क- औगारी
6.लोलार्क-काशी
7. मार्कंडेयर्क- कन्दाहा, बबौल
8.कटालार्क- कटारमल उत्तराखंड
9.बालार्क- बड़गांव
10.चनार्क-चंद्रभागा नदी का किनारा
11. मोहेरार्क- गुजरात में पुष्पावती नदी का किनारा
12.आदित्यर्क – वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चीन नदी के किनारे

औरंगजेब ने उलार सूर्य मंदिर की मूर्ति को तोड़ दिया था
बताया जाता है कि मुगल काल में औरंगजेब ने दुल्हिन बाजार स्थित उलार सूर्य मंदिर की मूर्ति को खंडित कर दिया था। उस वक्त लोग उस टूटे-फूटे मूर्ति की ही पूजा करते थे। वहाँ एक विशाल पीपल का वृक्ष उपज आया था। वर्ष 1948 में अचानक वहाँ एक संत सद्गुरु परमहंस जी महाराज थे। तब वहां के महंत ने अपने उस मंदिर में पीपल वृक्ष को रियोड मंदिर के निर्माण का आग्रह किया था।

हर साल छठ पूजा पर विशाल मेला लगता है
हर साल उलार सूर्य मंदिर में छठ पूजा के अवसर पर यहां भव्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है। तब यहां छठ व्रत करने वाली लगातार महिलाएं चार दिन तक यहां रह कर पूजा- करती हैं और मनाती मांगते हैं। ऐसी ही एक बात है कि साधू को मिले मंत से छुट्टी यहां पूरी तरह से मिलती है। 4 दिन तक चलने वाले सूर्य उपासना का महापर्व छठ के अवसर पर यहां की भव्यता देखने के लिए ड्राइवर से लोग पुतले हैं।

 

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