केके पाठक के 10 कड़े फैसले से सुधरने लगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था

बिहार : बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के कठोर नवनियुक्त और पुराने स्कूलों के साथ-साथ सिद्धांतों के बीच भी असर देखा जा रहा है। केके पाठक कब किस स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे। यह किसी को भी पता नहीं चलता। वह किसी भी जिले के किसी भी स्कूल में अचानक धावा बोल देते हैं। बंधक से लेकर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को भी बंधक का पाठ पढ़ा जाता है।

कभी-कभी टूटे हुए में तो मुंह से साधारण शब्दों का भी प्रयोग करते हैं। विशेष रूप से मिड डे माइल्स और बच्चों की उपस्थिति को लेकर वह और भी सतर्क रहते हैं। उनके ऑर्डर के बाद हॉस्टल वाले लाखों बच्चों के नाम सरकारी स्कूल में दिए गए हैं। तो आज हम आप लोगों को कॉनसिटिक किके पाठकों के साथ 10 असेंशियल जजमेंट देते हैं, जिनकी वजह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है।
केके रीडर के ऑर्डर पर ‘मिशन दक्ष’ की शुरुआत
केके पाठक के ऑर्डर पर मिशन दक्ष की शुरुआत हो गई है। इसके तहत 10 हजार इंस्टिट्यूट की पढ़ाई में 50 हजार बच्चों को गोद लिया गया है। इसमें 12वीं के गेस्ट हाउस और 12वीं के सभी इंस्टिट्यूट को शामिल किया गया है।
उन्हें अपने विद्यालय के आसपास के किसी भी प्राथमिक या मध्य विद्यालय के बच्चों को गोद में लिया जाता है। इन इंसुलेट को स्कूल में कक्षा के बाद या दोपहर दो बजे किसी भी समय बच्चों को पढ़ाकर आगे बढ़ाया जाता है। मिशन दक्ष अभियान की शुरुआत हो चुकी है।
स्कूल में बिना पढ़े-लिखे, बेरोजगार रहने वाले, स्नातक के वेतन में कटौती
बिना किसी जानकारी के स्कूल से गायब रहने वाले के लिए वेतन में कटौती की जा रही है। इसके साथ ही इन सब्सिटेक्ट को कारण बताते हुए नोटिस भी जारी किया जा रहा है कि बिना सूचना के वे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं।
गांव में पढ़ना ही होगा
केके रीडर ने कुछ दिन पहले ही सभी नवनियुक्त बीपी एसोसिएट्स से कहा था कि आप लोगों ने मेधावी साबित कर दिया है। अब गांव के बच्चों को आगे बढ़ना होगा। आप लोगों को गांव में ही पढ़ना होगा, जिस गांव में पढ़ना पसंद नहीं है उनके लिए यह नौकरी नहीं है।
विकास कोष में जमा राशि को स्कूल के विकास कार्य में खर्च करने का आदेश
केके रीडर ने दिए गए आदेश में कहा गया है कि छात्रावास में छात्र कोष एवं विकास कोष में जमा 1200 करोड़ रुपये का खर्च नहीं हुआ तो उसे वापस सरकारी प्रमाणपत्र में जमा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अंतिम मोहलत है क्योंकि शिक्षा विभाग पहले भी संबंधित राशि खर्च करने का निर्देश दे चुका है।
स्कूल में 15 दिन से अधिक हॉस्टल रहने पर नाम काटने का आदेश
केके पाठक के आदेश पर अब स्कूल में 15 दिन से अधिक के अवकाश आवास पर नाम काटने का आदेश दिया गया है। अब तक 20 लाख से ज्यादा बच्चों के नाम नीचे दिए गए हैं। इस एक्शन के बाद बच्चों में अब कमी कम हो गई है।
ई-कॉमर्स साइट पर बदलाव और बिक्री पर रोक
रिज़ल्ट के टेबल और प्रतिनियुक्ति पर रोकटोक केके पाठकों ने रिज़ल्ट के मंसूबे पर पानी फेर दिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गोपाल प्रसाद के मुताबी आरडीडीई और डीईओ कार्यालय से बड़ी संख्या में शिक्षकों का पद और नियुक्ति की जाती है, जिससे स्कूल-पाठन और कार्यालय कार्य बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
सभी तकनीशियनों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य
केके रीडर ने कहा कि बिहार सरकार के सभी स्कूलों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। इससे यह हुआ कि जो छात्र-छात्रा कोचिंग के बाहर कोचिंग कर रहे थे, वे घर लौटना शुरू कर दिया। फिर अब स्कॉटलैंड में छात्रों की उपस्थिति बढ़ती जा रही है। हालाँकि, कुछ जगह इसका विरोध भी देखने को मिल रहा है।
नेटवर्क पर रोक लगायें
केके रीडर ने बिहार में ग्रिड शेयर बाजार में कटौती कर संदेश दिया। त्योहारों पर कारीगरों में 23 वैली शामिल हैं, जिनमें कम करके 11 कर दिए गए हैं। वहीं रक्षा बंधन की छुट्टियां खत्म कर दी गईं। वहीं इस मामले पर सूची भी खूब हुई। गिरिराज सिंह से लेकर अमित शाह तक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला था.
शौचालय का ध्यान
यदि किसी विद्यालय में शौचालय में कूड़ा पाया जाता है तो केके पाठक सख्त तौर पर सलाह को चेतावनी देते हैं। इतना ही नहीं स्कूल में किसी भी तरह की कुव्यवस्था को लेकर वह नहीं कर रहे।
बच्चों को जमीन पर आँचल को लेकर चेतावनी
केके रीडर अगर किसी स्कूल में बच्चे जमीन पर नजर डालते हैं तो उनके लिए स्कूल ले जाया जाता है और जल्द ही जल्द ही बेंच और डेस्क की व्यवस्था करने के लिए कहा जाता है।
नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।