जानिए शनि के मार्गी होने पर क्या करें और क्या नहीं

4 नवंबर को कुंभ राशि में शनि देव वक्र गति से मार्गी होने जा रहे हैं। वैसे तो ये सभी राशियों के लिए सुखद ही है लेकिन शनि के मार्गी होने से अक्सर कुछ ना कुछ परेशानी जरूर आती है क्योंकि शनिदेव न्याय के देवता हैं और वो दंड जरूर देते हैं। इसलिए जब शनि मार्गी हो तो हर किसी को कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है

। आइए जानते हैं क्या करें और क्या ना करें? शनिदेव की कृपा से इंसान को यश की प्राप्ति होती है इसलिए शनिदेव की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। हर शनिवार को पीपल के पेड़ में जाकर तेल का दीपक जलाएं। किसी से झगड़ा ना करें, किसी की निंदा ना करें और ना ही किसी को परेशान करें। गरीबों की मदद करें, उन्हें दान दें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं। जिन्होंने कभी न कभी आपकी हेल्प की है उन्हें धन्यवाद दें और उनका साथ कभी ना छोड़ें। अपना व्यवहार मधुर रखें। हनुमानजी आरती करें, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं
। हनुमान जी की आरती आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे । रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ दे वीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाये ॥ लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ लंका जारि असुर संहारे । सियाराम जी के काज सँवारे ॥ लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ पैठि पताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखारे ॥ बाईं भुजा असुर दल मारे । दाहिने भुजा संतजन तारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें । जय जय जय हनुमान उचारें ॥ कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ जो हनुमानजी की आरती गावे । बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥ लंक विध्वंस किये रघुराई । तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ ॥ इति संपूर्णंम् ॥