अलवर मुख्य आरक्षी के फंसने के बाद जेलर जरूरी काम का हवाला देकर ड्यूटी से गायब थे.

राजस्थान : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप किए जेल के मुख्य प्रहरी रामोतार शर्मा को रविवार को न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। लेकिन, कार्रवाई के दूसरे दिन भी जेलर जेलर सुमेर सिंह गुर्जर का कोई सुराग लगा है। एसीबी के पुलिस निरीक्षक प्रेम चंद मीणा ने बताया कि रिश्वत के आरोपी मुख्य प्रहरी रामोतार ने पूछताछ में उसने उक्त रिश्वत की राशि जेलर सुमेर सिंह गुर्जर के कहने पर लिए जाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि मामले में पूछताछ के लिए जेलर को कई बार फोन किए गए।

लेकिन, उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा है। उन्होंने बताया कि अब जल्द प्रकरण की जांच अन्य अधिकारी को सौंपी जाएगी। इसके बाद जांच में यदि जेलर आरोपी पाया गया तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं एसीबी की कार्रवाई के डर से जेलर गुर्जर रविवार को ड्यूटी पर नहीं आया।
जेल अधीक्षक प्रदीप लखावत ने बताया कि जेलर ने फोन कर मौखिक रूप से सूचना दी कि उसका अर्जेंट काम है। इसलिए वह ड्यूटी नहीं आएगा। वह ट्रेप की कार्रवाई के बाद से ही ड्यूटी से नदारद है। उन्होंने बताया कि एसीबी की ट्रेप की कार्रवाई के संबंध में जेल मुख्यालय जयपुर सूचना भिजवा दी गई है। गौरतलब है कि एसीबी ने जेल में बंद हत्या आरोपी बंदी सुरेश यादव को तंग व परेशान नहीं करने और जेल में सुविधा मुहैया कराए जाने की एवज में उसके दोस्त से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते मुख्य प्रहरी को ट्रेप किया था।